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किरीबुरु : सेल की खदान में एमई ऑपरेटरों की हड़ताल समाप्त, ऑपरेटर काम पर लौटे

Kiriburu : सेल की किरीबुरु लौह अयस्क खदान के एमई ऑपरेटरों का हड़ताल 10 अप्रैल की रात लगभग साढे़ आठ बजे उप महाप्रबंधक दीपेन लोहार से वार्ता के बाद समाप्त हो गई. आंदोलनकारी सेलकर्मियों को लोहार ने भरोसा दिया कि इस मामले को लेकर सीजीएम से विशेष वार्ता 11 अप्रैल को दोपहर 12 बजे होगी. तब-तक ठेकेदार के वाहन हौपर में लौह अयस्क नहीं डालेंगे. इसके बाद आंदोलनकारी सेलकर्मी अपने-अपने काम पर लौट गये और उत्पादन शुरू हो गया. आज पुनः दोपहर 12 बजे के करीब ठेकेदार के कर्मचारियों और सेल के एमई ऑपरेटरों के बीच महाप्रबंधक राम सिंह के माइनिंग कार्यालय में विवाद बढ़ने से किरीबुरु खदान के अंदर हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. सेलकर्मी एमई ऑपरेटरों ने बताया कि सोमवार को ठेकेदार के कर्मचारी आकर हमलोगों को धमकाने लगे और खदान के बाहर निकलने पर मारपीट करने की धमकी दी. इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-heat-wave-continues-normal-life-is-disturbed-due-to-increase-in-temperature/">चाईबासा

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इसी दौरान ठेकेदार विकेश पांडेय के आने के बाद उनके कर्मचारी वहां से चले गए. इसके बाद किरीबुरु के सीजीएम कमलेश राय, महाप्रबंधक राम सिंह, उप महाप्रबंधक अमित विश्वास, उप महाप्रबंधक दीपेन लोहार, वरिष्ठ प्रबंधक रमेश सिन्हा आदि अधिकारियों के अवाले विभिन्न मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि, एमई ऑपरेटरों के बीच उक्त मामले को लेकर माइनिंग की कैंटीन में वार्ता हुई. एमई ऑपरेटर व सेलकर्मियों की मांग थी कि सेल प्रबंधन ठेका कंपनी के वाहनों के माध्यम से हौपर में लौह अयस्क डालने का कार्य पूरी तरह से बंद कराये. अगर ऐसा कोई आदेश दिया है तो उसे निरस्त करे. क्योंकि यह काम हमारा है और हम ही करेंगे. ठेका कंपनी के वाहन खदान की अयस्क को एक स्थान पर भले स्टॉक करें, जहां से हम स्वयं अयस्क को उठाकर हौपर में डालेंगे. उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व भी सेल प्रबंधन अपने सेवानिवृत्त एमई ऑपरेटर को अनुबंध पर लाकर खदान के भारी मशीनों को चलवाने का प्रयास कर रही थी, जिसका विरोध कर ऐसा होने नहीं करने दिया गया था. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-the-cultural-journey-of-dhai-akhar-prem-will-reach-jamshedpur-on-april-15/">जमशेदपुर

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प्रबंधन ऐसा कर खदान को निजीकरण की ओर ले जाना चाह रही है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमारा किसी ठेका कंपनी से कोई विद्वेष नहीं है बल्कि प्रबंधन की गलत नीति के हम खिलाफ हैं. प्रबंधन ने सेलकर्मियों व तमाम मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि जब तक इस मामले को लेकर अगली बैठक और समाधान नहीं निकल जाता है तब तक ठेकेदार हौपर या उस क्षेत्र में कोई गतिविधियां नहीं करेगा. इसके बाद दोपहर लगभग दो बजे वार्ता समाप्त हुई. इस वार्ता में मजदूर नेताओं में जगमोहन सामड, प्रकाश मोहन्ती, दिलीप झा, सूरज सिंह, करनेश जेराई, मुन्ना राउत आदि दर्जनों नेता शामिल थे. [wpse_comments_template]

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