Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल, बीएसएल प्रबंधन बोकारो स्थित अपने मुख्य अस्पताल, झारखण्ड खान समूह की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल समेत अन्य सेल अस्पतालों की पैथोलौजी विभाग (जाँच केन्द्र) का दायित्व प्राईवेट कंपनियों के हाथों सौंपने पर विचार कर रही है. अगर ऐसा हुआ तो मरीजों का बेहतर इलाज में काफी लाभ होने की बात कही जा रही है. उल्लेखनीय है कि सेल अस्पतालों की लैब का रिपोर्ट हमेशा से संदेह के घेरे व विवादों में रहता आ रहा है. अस्पताल के कुछ चिकित्सक भी मरीजों को जरुरी जांच सेल अस्पताल के बाहर के लैबों से कराकर रिपोर्ट दिखाने की बात कहते आ रहे हैं.
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कई सेलकर्मी या अन्य मरीज भी अपना रक्त, यूरिन या अन्य जाँच हेतु बाहर का पैथेलौजी केन्द्र मृं जाते रहे हैं. ऐसे में अगर सेल अस्पतालों का पैथेलौजी विभाग को अच्छे प्राईवेट कंपनियों को दिये जाने से बेहतर जाँच होने की संभावना जताई जा रही है. पहले सेल अस्पतालों की लैब कभी जरुरी रसायन उपलब्ध नहीं होने, घटिया स्तर की रसायन का सप्लाई किये जाने आदि समस्याओं से जूझते रही है. जिससे मरीजों की जान जाने का खतरा बढा़ रहता था.
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सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस मामले को लेकर सेल की बोकारो अस्पताल प्रबंधन एवं चेन्नई की एक पैथेलौजी से जुड़ी कंपनी के बीच अनेकों बार बातचीत हुई है. जाल्द हीं यह मामला धरातल पर उतर सकता है. ऐसे भी किरीबुरु जेनरल अस्पताल लैब तकनिशियन की समस्या से जूझ रहा है. वर्तमान में यहां तीन लैब तकनिशियन अक्षय कुमार, सुधीर कुमार एवं श्री मन्ना हैं. इनमे से अक्षय वा श्री मन्ना कुछ महीनों में सेवानिवृत्त हो जायेंगे. एक स्थायी लैब तकनिशियन के भरोसे इस अस्पताल का जांच व्यवस्था संभव नहीं होगा.
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