Kiriburu (Shailesh Singh) : गर्मी के दस्तक देने के साथ ही सेल की किरीबुरू-मेघाहातुबुरू शहर की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले गरीब जनता के बीच पेयजल संकट गहराने लगा है. पेयजल की सबसे बड़ी समस्या मेन मार्केट, मंगलाहाट, चर्च हाटिंग, बकल हाटिंग, गाड़ा हाटिंग, प्रोस्पेक्टिंग आदि क्षेत्र के लोगों के सामने है. उक्त क्षेत्र के लोगों ने पेयजल समस्या की समाधान को लेकर वर्षों से सांसद, विधायक, उपायुक्त, सेल प्रबंधन के अलावे पंचायत प्रतिनिधि व स्थानीय प्रशासन से गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन आज तक किसी ने भी उक्त समस्या का समाधान नहीं किया.
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मोटर से होती है पानी की सप्लाई
पिछले वर्ष सांसद गीता कोड़ा व विधायक सोना राम सिंकू के अलावे मुखिया मंगल सिंह गिलुवा द्वारा अलग-अलग डीप बोरिंग का प्रयास कराया गया. लेकिन समुद्र तल से लगभग तीन हजार फीट की ऊंचाई पर लौह अयस्क की ऊंची पहाड़ी पर बसे इस शहर में कभी भी डीप बोरिंग से पानी नहीं निकला. इस शहर में पानी कारो नदी व सारंडा की प्राकृतिक जल श्रोतों से मोटर के द्वारा पंपिंग कर पानी लाया जाता है और उसे फिल्टर कर सेलकर्मियों के आवासों व झुग्गी-झोपड़ियों में नल का प्वाइंट देकर आपूर्ति होती है. हालांकि झुग्गी-झोपड़ियों के लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता है. क्योंकि एक-एक नल से सैकड़ों लोग पानी भरते हैं.
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उपायुक्त के निर्देश के बाद भी नही हुई पहल
क्षेत्र में पेयजल की समस्या संबंधी जानकारी मिलने के बाद बीते वर्ष 12 नवंबर को पहली बार किरीबुरू पहुंचे उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बकल हाटिंग, गाड़ा हाटिंग, प्रोस्पेक्टिंग व मेन मार्केट का दौरा किया था. दौरे के क्रम में उपायुक्त के साथ प्रशिक्षु आईएएस ओम प्रकाश गुप्ता, अंचलाधिकारी सुनील चन्द्रा, प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, जीप सदस्य देवकी कुमारी, मुखिया पार्वती किड़ो, मुखिया प्रफुल्लीत ग्लोरिया तोपनो, उप मुखिया सुमन मुंडू आदि मौजूद थे. उपायुक्त ने पाया कि बड़ी आबादी पेयजल समस्या से ग्रसित है. उन्होंने किरीबुरू के सीजीएम कमलेश राय एवं महाप्रबंधक नवीन कुमार सोनकुशरे को निर्देश दिया था कि इन बस्तियों में पेयजल की समस्या का समाधान यथाशीघ्र करें. लेकिन दौरा के तीन माह बीत जाने के बाद भी आज तक पेयजल समस्या का समाधान हेतु कोई पहल नहीं की गई.