Kiriburu (Shailesh Singh) : पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभु दयाल मंडल के लिखित आश्वासन के बाद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं होने से सारंडा स्थित छोटानागरा व गंगदा पंचायत के ग्रामीण नाराज हैं. ग्रामीण 10 दिनों के बाद एक बार फिर अनिश्चितकाल के लिए नेशनल हाईवे (एनएच) सड़क जाम करेंगे. यह जानकारी गंगदा पंचायत के मुखिया राजू सांडिल और समिति के पदाधिकारी मंगल कुम्हार ने दी है.
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दोनों ने बताया कि डीएमएफटी निधि से सारंडा स्थित छोटानागरा पंचायत के बाईहातु एवं गंगदा पंचायत के दोदारी गांव में स्थित आसन्न जलापूर्ति योजना में भारी भ्रष्टाचार की गई है. इसमें पीएचईडी विभाग के उच्च अधिकारी भी शामिल हैं और वे इस कार्य के ठेकेदार को बचाने में लगे हुये हैं. दोनों पंचायत के लगभग 24 गांवों में उक्त दोनों योजना व जलमीनार से घर-घर नल लगाकर जलापूर्ति करनी थी, लेकिन कुछ गांवों को छोड़ आज तक अधिकतर गांवों में पानी नहीं पहुंचा. कई गांवों में तो पाइप लाइन भी नहीं बिछाया गया है. प्रायः घरों को नल से जोड़ा नहीं गया है. इन दोनों योजना पर लगभग 30 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. इस मामले को लेकर सैकड़ों ग्रामीण बीते 14 मार्च को सलाई चौक पर एनएच को पूरी तरह से जाम कर दिया था.
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इसके बाद पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रभु दयाल मंडल ने ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया था कि गंगदा पंचायत के दोदारी जल मीनार से फस्ट फेज के सभी आठ गांवों में जहां पाइप लाइन बिछा हुआ है, वहां पानी पहुंचाने का कार्य 15 अप्रैल तक पूरा करा दिया जायेगा. काशिया-पेचा गांव स्थित जल मीनार से छह गांवों में दूसरे फेज के तहत पानी पहुंचाने का कार्य पूरा करने में थोड़ा समय लगेगा. छोटानागरा पंचायत के बाईहातु जल मीनार से सभी 10 गांवों में जहां योजना के तहत पाइप लाइन बिछा है वहां भी 15 अप्रैल तक पानी पहुंचाया जायेगा. जिस गांव में पाइप लाइन नहीं बिछा है वहां पानी नहीं पहुंचेगा. वैसे गांवों में पानी पहुंचाने के लिए दूसरी व्यवस्था की जायेगी. जिस गांव में पाइप लाइन होने के बावजूद पानी नहीं पहुंच रहा है, वैसे गांवों में मोटर लगाकर पानी पहुंचाने का कार्य होगा.
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उन्होंने कहा था कि हमारी टीम मशीन के साथ गांव-गांव घूम रही है. चापाकल जहां खराब है उसकी जानकारी दें, उसे तुरंत ठीक करा दिया जायेगा. उन्होंने जनता को अपना व्हाट्सएप नम्बर- 8521825908 जारी कर पेयजल समस्या की शिकायत करने को कहा था. इस संबंध में राजू सांडिल व मंगल कुम्हार ने कहा कि पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता ठेकेदार को क्यों बचाने में लगे हैं. योजना से जब सभी गांव में पानी पहुंचाना है तो वह कुछ गांवों में ही क्यों पानी पहुंचेगा. बाकी गांव में विभाग चापाकल लगाकर सरकार का दोबारा पैसा क्यों बर्बाद कर रहा है.
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उन्होंने कहा कि कार्यपालक अभियंता जो नम्बर दिये हैं उस पर फोन करने से कोई उठाता नहीं है. कुछ चापाकल लेम्ब्रे व अन्य गांव में लगाया गया है. उनके द्वारा दिया गया एक माह का समय कब का पार कर चुका है, लेकिन ठेकेदार आगे कुछ कार्य नहीं प्रारम्भ किया. वह फोन भी नहीं उठाता है. इस बार आर-पार की लडा़ई लड़ी जायेगी. क्योंकि पानी की जरूरत सभी को है. जनता का पैसा आसानी से लूटने नहीं दिया जायेगा. इस मामले की जांच हेतु पीएमओ कार्यालय, मुख्यमंत्री व संबंधित केन्द्र व राज्य सरकार के मंत्रालय व विभागों को पत्र लिखा जायेगा.
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