Kiriburu (Shailesh Singh) : आदिवासी सरना समिति किरीबुरु-मेघाहातुबुरु के तत्वावधान में बाकल हाटिंग स्थित सरना पूजा एवं अखाड़ा स्थल पर पारम्परिक तरीके से करम पेड़ की डाली को गाड़ समाज के दिऊरी व लोगों ने पूजा-अर्चना की. इस पर्व को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य बहनों द्वारा भाइयों की सुख-समृद्धि और दीर्घायु तथा अच्छी फसल की कामना करना है. करम पूजा के दौरान बहनें सजा हुआ टोकरी या थाली लेकर पूजा करने हेतु अखड़ा में चारों तरफ करम राजा की पूजा करने बैठी नजर आयी. करम राजा से प्रार्थना किया कि हे करम राजा ! मेरे भाई को सुख, समृद्धि देना. उसको कभी भी गलत रास्ते में नहीं जाने देना. यहां पर बहन निर्मल विचार और त्याग की भावना को उजागर करती नजर आयी. यहां भाई-बहन का असीम प्यार दिखाई दिया. पूजा समाप्ति के बाद करम कथा कही गई. कहानी में करमा और धरमा की कथा सुनायी गई. कथा का मुख्य उद्देश्य अच्छे कर्म करना था. कल करम की डाली को पारम्परिक तरीके से नदी अथवा तालाब में विसर्जन किया जायेगा.
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इस दौरान आदिवासी समाज की महिलाएं व पुरुष सामूहिक रुप से ढोल व मांदर की थाप पर पारम्परिक नृत्य व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य रुप से मुखिया लीपी मुंडा, मुखिया पार्वती किड़ो, मुखिया प्रफुल्लित ग्लोरिया तोपनो, कमिटी के अध्यक्ष मान सिंह मुंडू, सलाहकार वीर सिंह मुंडा, सचिव बुधुवा कोंगाडी़, मार्शल पूर्ति, लोदरो स्वांसी, उप मुखिया सुमन मुंडू, मोटू जोजो, प्रभु सहाय सुरीन, जिरेन सिंकु, मुक्ता मुंडू आदि दर्जनों मौजूद थे.
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