Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा विकास समिति, दुईया-जामकुंडिया के अध्यक्ष सह गंगदा पंचायत के मुखिया सुखराम उर्फ राजू सांडिल के नेतृत्व में ग्रामीण मुंडाओं व महिलाओं का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सेल की गुवा प्रबंधन के अधिकारियों से मुलाकात कर मांग पत्र सौंपा. सौंपे गये मांग पत्र में कहा गया है कि खदान से प्रभावित गांवों को सीएसआर की सूची में नाम जोड़ने के बाद भी लाभ नहीं दिया जा रहा है. बीते 7 नवम्बर 2022 को गुवा खदान की बंदी के दौरान 60 बेरोजगारों को रोजगार देने का प्रस्ताव रखा गया था. उनमें से 20 लोगों को रोजगार पर रखा गया था और 40 बेरोजगारों को रोजगार नहीं दिया गया. काम पर रखे गये 20 बेरोजगारों को भी बीते जून माह से काम से हटा दिया गया. सभी 60 बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए.
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ग्रामीणों ने इन सुविधाओं की मांग की
गुवा खदान माइन्स से निकले मिट्टी मुरूम, कंकड़ पत्थर से बंजर हुए किसानों की खेती योग्य भूमि का मुआवजा दें. माइंस से प्रभावित गांव के मरीजों को गुवा सेल अस्पताल एवं आईजीएच, राउरकेला में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, रेफरल मरीजों को एम्बुलेंस एवं बाहर से दवा खरीदने पर दवा का पैसा का भुगतान हो. गंगदा एवं छोटानागरा पंचायत में 24 घंटे एम्बुलेंस की सुविधा दी जाए. प्रभावित गांव के सभी विद्यालयों में शिक्षकों की व्यवस्था, प्रभावित गांवों में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मांदर-नागाड़ा उपलब्ध कराया जाए. प्रभावित गांवों के बच्चों को डीएवी गुवा में नामांकन एवं स्कूल आने जाने के लिए गाड़ी की सुविधा दी जाए. हाट-बाजार के दिन ग्रामीणों के लिए बस सेवा की सुविधा.
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रविवार को बैठक कर तय की जाएगी आगे की रणनीति
प्रभावित गांवों के मानकी/मुण्डा द्वारा किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रबंधन द्वारा वाहन की व्यवस्था करना आदि मांग शामिल है. राजू सांडिल ने कहा कि अगर 15 दिन के अंदर हमारी मांगें पूरी नहीं की गई तो गुवा खदान में अनिश्चितकालिन आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. उन्होंने कहा की आगामी रविवार को गंगदा पंचायत भवन में आगे की आंदोलन को लेकर सभी मानकी मुंडाओं व बुद्धिजीवियों के साथ बड़ी बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी.