Kiriburu (Shailesh Singh) : नक्सल प्रभावित सारंडा के दीघा पंचायत अंतर्गत मारंगपोंगा एवं दिकूपोंगा गांव में डीएमएफटी मद से निर्माणाधीन जलमीनार को अपूर्ण छोड़ने के खिलाफ ग्रामीणों में रोष है. इसे लेकर आदिवासी समन्वय समिति के बैनर तले ग्रामीणों ने सोमवार को उपायुक्त के नाम मनोहरपुर बीडीओ को पत्र सौंपा. इस बाबत आस संयोजक सुशील बारला ने कहा कि उक्त दोनों जल मीनार पिछले लगभग दो वर्षों से अपूर्ण छोड़ दिया गया है. इसके कारण ग्रामीण मजबूरन नाला में चुआं बनाकर उसका पानी पीने को विवश है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संवेदक ने जलमीनार निर्माण में प्रक्क्लन की भी अनदेखी की है. अधूरा निर्माण कार्य अत्यन्त ही निम्न स्तर का किया है. जलमीनार के अधूरे निर्माण कार्य का खमियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. अशंका है कि संवेदक ने इस योजना में बड़े पैमाने पर सरकारी राशि का दुरूपयोग हुआ है.
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संवेदक पर कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने उपायुक्त से इस योजना की उच्च स्तरीय जांच कराने, जांच दल में आस संयोजक के साथ-साथ स्थानीय पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों एवं विशेषज्ञों को भी शामिल करने एवं दोषी पाए जाने पर संवेदक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. पत्र की प्रतिलिपि आयुक्त, कोल्हान प्रमण्डल, उपविकास आयुक्त सह-सचिव चाईबासा, पुलिस अधिक्षक, कार्यपालक अभियन्ता पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, मनोहरपुर को भी भेजा गया है. इस दौरान नरेन्द्र केरकेट्टा, शान्तिएल कान्डायबुरू, निरंजन बहन्दा, सुखराम बहन्दा, सुखनाथ बहन्दा, बलदेव जाते, विक्रम बहन्दा, मंगल बहन्दा, गुरदीप बहन्दा आदि मौजूद थे.
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