Kiriburu : सारंडा स्थित गंगदा पंचायत के काशिया-पेचा गांव में वर्षों से जारी विकास योजनाओं में पंचायत प्रतिनिधियों, पंचायत सचिव व प्रखंड कार्यालय के कुछ पदाधिकारियों व कर्मचारियों की संयुक्त मिलीभगत से घोटाले किए जा रहे हैं. कार्य को अब तक पूर्ण नहीं किया गया है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है. काशिया-पेचा गांव के मुंडा सिंगा सुरीन की अध्यक्षता में ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर बैठक की. इसमें पत्र देकर पंचायत सचिव, मुखिया आदि को बुलाया गया, लेकिन पंचायत सचिव उपस्थित नहीं हुए, जिसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें उपस्थित होकर पूरे मामले की स्पष्ट जानकारी ग्रामसभा को देने के लिए तीन दिन का अतिरिक्त समय दिया है. तय तिथि में भी वे नहीं आते हैं तो ग्रामीण इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करेंगे और आंदोलन करेंगे. इसे भी पढ़ें : माओवादी">https://lagatar.in/the-arrest-of-maoist-prashant-bose-and-sheela-marandi-was-the-result-of-a-conspiracy-in-the-naxalite-organization/">माओवादी
प्रशांत बोस व शीला मरांडी की गिरफ्तारी नक्सली संगठन में साजिश का नतीजा! काशिया-पेचा के मुंडा सिंगा सुरीन व मंगता सुरीन ने बताया कि वर्ष 2017 में निर्माणाधीन 500 फीट पीसीएस सड़क, वर्ष 2019 से निर्माणाधीन कुन्टूबुरु साई तालाब, स्कूल भवन से मंगता सुरीन के खेत तक 500 फीट कच्चा नाली निर्माण, साधुराम पूर्ति के घर से पुराना स्कूल भवन तक 1000 फीट पीसीसी सड़क निर्माण में नदी का लौह पत्थर डाल घटिया निर्माण व सड़क और खेल मैदान अधूरा है. सिंगा सुरीन के खेत पर मेड़बंदी का कार्य पूर्ण हुआ, लेकिन मजदूरों का पैसा नहीं मिला. बीआरजीएफ व मनरेगा का कार्य सिर्फ वार्ड सदस्य को देने, मजदूरों को सरकारी दर से काफी कम मजदूरी 220 रुपए देने का आरोप लगाया है. योजनाएं अधूरी हैं लेकिन पूरा पैसा निकाल लिया गया है. [wpse_comments_template]
किरीबुरु : ग्रामीणों ने बैठक कर योजनाओं में घोटाला करने का लगाया आरोप

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