Kiriburu (Shailesh Singh) : टेंडर मैनेज का खेल खत्म होगा. इस संबंध में सभी विभागों को सूचना प्रावैधिकी ई-गवर्नेंस ने ई-टेंडर में टेंडर फीस और इएमडी यानि अग्रधन की राशि ऑन लाइन जमा करने का आदेश जारी कर दिया गया है. 16 अक्टूबर के बाद ऑन लाइन टेंडर फीस और इएमडी भरा जा रहा है. हार्डकॉपी जमा करने का प्रावधान नहीं है.
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इस निर्णय से झारखंड के सत्ता पक्ष के कुछ माननीय लोगों की चिंता बढ़ गई है. टेंडर मैनेज का खेल खत्म होने से आम ठेकेदार खुश नजर आ रहे हैं. अब तक निविदा में दो ठेकेदार ही भाग लेते आए हैं. इसे साफ शब्दों में मैनेज टेंडर कहा जाता है. 80 फीसदी टेंडर मैनेज होता है. इसके एवज में 5 से 7 प्रतिशत कमीशन की वसूली होती है. सूत्रों की मानें तो पूजा के बाद कोल्हान के सत्ता पक्ष के सभी माननीय इस ऑन लाइन टेंडर फीस और इएमडी जमा करने के आदेश को निरस्त कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मिलेंगे. दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि सीएम इस मामले में कुछ नही करेंगे.
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ईडी, सीबीआई भी विकास योजनाओं की राशि को टेंडर मैनेज कर भारी कमीशन वसूली पर नजर रखे हुये हैं. हाल के दिनों में लघु सिंचाई विभाग में डीएमएफटी की योजना की निविदा आमंत्रण की तिथि को माननीय लोग के दबाव में 16 से पहले करा दिया गया है, ताकि टेंडर फीस और इएमडी हार्ड कॉपी के रूप में जमा की जा सके. सरकार टेंडर मैनेज के खेल को खत्म करने के लिए ही इस ऑन लाइन प्रक्रिया को शुरू किया है, जिसे माननीय और भ्रष्ट अभियंता के गले नहीं उतर रहा है.