Ranchi: कोरोना काल के लॉकडाउन ने आम लोगों से लेकर हर वीवीआईपी के जीवन को प्रभावित किया है. वर्क फ्रॉम होम के कल्चर को एमएनसी (Multi National Company) से लेकर सरकारी तंत्र ने भी अपनाया. अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि आम लोग तो लॉकडाउन में घर में ही थे. लेकिन सरकार के माननीय मंत्री लॉकडाउन में क्या कर रहे थे. जब से राज्य में लॉकडाउन लगा है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की गतिविधि मीडिया से लेकर उनके कार्यालय और आवास तक में नजर आयी. लेकिन दूसरे मंत्री कहां थे, क्या कर रहे थे, यह जानने की कोशिश की है लगातार.इन ने.
रांची और पाकुड़ दोनों जगह से करता रहा कामः आलमगीर आलम
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि मैंने रांची और अपने आवास पाकुड़ दोनों जगह मौजूद था. घर में रहने के दौरान कुछ ना कुछ जरूरी फाइल आ ही जाता था. घर से उनको निबटाना होता था. अभी भीड़ में हमें जाना नहीं है. इसलिए कार्यालय में ही फाइल मंगवा लिया करते थे. सचिव के पास भी एक आदमी रहता था. तीन आदमी मिलकर काम करते थे. इसी तरह सारे कामकाज को निबटा रहा हूं. रांची अपने आवास से भी काम खत्म करता था.
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सारा काम आवास से ही किया, जरूरी होने पर क्षेत्र जाती हूं : जोबा मांझी
कल्याण मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि मैं सारा अपना काम घर से ही कर रही थी. काफी जरूरी होने पर ही क्षेत्र में कहीं जाना आना होता था. विभाग का सारा काम भी घर से ही कर रही थी. लॉकडाउन के दौरान रांची कार्यालय या ऑफिस जाना नहीं हुआ.
जहां पड़ी जरूरत, वहां रहा मौजूदः मिथिलेश ठाकुर
जल संसाधन मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा, हम लोग सभी तरह से काम कर रहे हैं. जहां जरूरत होती है, जनहित में हमलोग वहां पहुंच जाते हैं. सिर्फ अपने क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में जहां जरूरत होती है, पहुंच जाता हूं. अभी भी अपने क्षेत्र गढ़वा में हूं. अभी भी गढ़वा में संक्रमण कम नहीं हुआ है. सभी जिला स्तर के अधिकारियों को इस बाबत निर्देश देने का काम कर रहा हूं. विभाग के काम को आवासीय कार्यालय से नेपाल हाउस के ऑफिस से निबटाते थे. जब से मैंने मंत्रीपद की जिम्मदारी संभाली है, तब से कोरोना हावी है. नेपाल हाउस के सभी विभाग के अधिकारी कोरोना की चपेट में आए. हमारे वरीय अभियंता भी कोरोना की गिरफ्त में आए. कई मौत के गाल में समा गए. हमलोगों की कोशिश रहती है कि सामाजिक दूरी रखकर सारे को पूरा किया जाए. विभाग के काम के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया गया है. ज्यादातर काम व्हाट्एसप के जरिए किया जा रहा है. फाइलों को डोर टू डोर पहुंचाने की भी कोशिश की जा रही है.