Ranchi: झारखंड में कई बड़े नक्सली सरगना पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं. इनमें भाकपा माओवादियों की संख्या सबसे अधिक है. ये पूरे राज्य में सक्रिय है. इनके खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चलाती रही है. ऐसे में कभी पुलिस नक्सलियों पर हावी होती,तो कभी नक्सली पुलिस पर हावी हो जाते हैं.
जब भी बड़े नक्सलियों की सूचना पर पुलिस का अभियान चलता है, ये बड़े नक्सली सरगना अपना ठिकाना बदल लेते है. क़रीब दो दर्जन ऐसे बड़े नक्सली है. जिसकी झारखंड पुलिस को विशेष तौर से तलाश है. ये वही नक्सली हैं जो झारखंड पुलिस के लिए लगातार चुनौती बने हुए हैं.
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इन बड़े नक्सलियों की झारखंड पुलिस को है तलाश
जिन बड़े नक्सलियों की झारखंड पुलिस को तलाश है उसमें प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, चमन उर्फ लंबू, लालचंद्र हेंब्रम, तूफान ,संदीप यादव, अजय महतो, दिनेश गोप, बुद्धेश्वर उरांव, सर्वजीत यादव , छोटू खेरवार, रविंद्र गंझू, महाराजा प्रमाणिक, अमित मुंडा , बृजेश गंजू, आक्रमण, पिंटू राणा, रामदयाल महतो, सुरेश सिंह, मोछू उर्फ मेहनत शामिल है.
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हमले का नया तरीका अपना कर पुलिस पर भारी पड़ रहे माओवादी
हमले का नया तरीका अपना कर पुलिस पर माओवादी भारी पड़ रहे हैं. चाईबासा में बीते चार मार्च को माओवादियों ने IED ब्लास्ट कर सुरक्षाबलों पर हमला किया, जिनमें तीन जवान शहीद हो गए थे. पिछले एक महीने के दौरान माओवादियों ने IED ब्लास्ट कर चार बार सुरक्षाबलों पर हमला किया. जिनमें चार जवान शहीद हो गए. तीन जवान औऱ एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए हैं. ये सारे हमले ऐसे समय में हुए हैं, जब प्रदेश सरकार और झारखंड पुलिस को यह लग रहा था कि माओवादियों की कमर टूट चुकी है. तब माओवादियों ने यह हमला किया.
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