Koderma : झुमरीतिलैया में जैन मंदिर के प्रांगण में जैन धर्म के महान संत महातपस्वी साधना महोदधि आत्महिंतकर 108 अंर्तमना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महामुनिराज का 53वां अवतरण दिवस बड़े ही धूमधाम के साथ भक्ति पूर्वक मनाया गया. प्रातः गुरूवर की पूजा अष्ट द्रव्यों से अत्यंत भक्ति भाव से किया गया, परमपूज्य मुनि श्री 108 विशल्य सागर जी मुनिराज के ससंघ सानिध्य में अलका दीदी एवं भारती दीदी के निर्देशन में महाआरती एवं दीप प्रज्वलित करने का सौभाग्य समाज के मंत्री ललित सेठी उपाध्यक्ष कमल सेठी, उपमंत्री राज छाबड़ा, पूर्व अध्यक्ष सुशील छाबडा, युवा सम्राट सुरेश झाँझरी, संयोजक सुरेन्द्र काला, मनीष-सिमा सेठी, राज अजमेरा को प्राप्त हुआ. मुनि श्री ने कहा कि आज आचार्य प्रसन्न सागर महाराज 557 दिन की मौन साधना में साशवत सम्मेद शिखरजी पर्वतराज पर तपस्या में लीन हैं.
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संतों के कारण पृथ्वी पर धर्म गतिमान है
आज के इस भौतिक युग में जहां लोग खाने के लिए जीवित हैं, वही जैन धर्म के महान संत 557 दिन में केवल 61 दिन मात्र एक ही समय जल और भोजन ग्रहण कर निर्जरा उपवास की उत्कृष्टतम मौन साधना कर रहे हैं. जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थराज सम्मेदशिखर जी के पहाड़ पर तपस्या और ध्यान में लीन ऐसे ही संतो के कारण आज पृथ्वी पर धर्म गतिमान है. मौके पर विशेष रुप से मीडिया प्रभारी नवीन जैन, राज कुमार अजमेरा, संजय सुबोध गंगवाल, अजय, नवीन, अन्नू, शास्वत सेठी, महिला समाज की सीमा सेठी, अंजना, अलका, अंजू को साथ-साथ कई लोग उपस्थित हुए.
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