Koderma : राष्ट्रीय फाइलेरिया विलोपन कार्यक्रम के अंतर्गत मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एमडीए 2023 के सफल क्रियान्वयन को लेकर सिविल सर्जन सभागार में बैठक की गई. बैठक में सिविल सर्जन डाॅ. अनिल कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलाया जाएगा. 10 फरवरी को कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बूथ स्तर पर तथा 11 फरवरी से 25 फरवरी तक घर-घर जाकर स्वास्थ्यकर्मियों, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका एवं सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवकों द्वारा दवा खिलाया जाएगा. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर बीमार व्यक्तियों को यह दवाएं नहीं दी जाएगी. शेष सभी व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवा डी.ई.सी. एवं अल्बेंडाजोल कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी. यह भी ध्यान रखना है कि दवा खाली पेट नहीं खानी है. उन्होंने बताया कि सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से दुष्प्रभाव नहीं होते हैं. अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि माइक्रोफाइलेरिया मौजूद है. दवा खाने के बाद माइक्रोफाइलेरिया के नष्ट होने से ऐसे लक्षण पैदा होते हैं. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान अगर किसी को साईड इफैक्ट होता है या किसी भी तरह की परेशानी होती है तो इसके लिए जिला एवं प्रखंंड स्तर पर रैपिड रिस्पोन्स टीम का गठन किया गया है. मौके पर डाॅ. राजेश कुमार दुबे, डाॅ बिपीन कुमार, डाॅ. विकास चौधरी, विनीत अग्निहोत्री, पंकज कुमार, मैमूर सुलतान, शंभू कुमार, प्रभाष रंजन, मुकेश राणा, ललन राणा समेत कई मौजूद थे.
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