Jhumritilaiya: सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के 53वें स्थापना दिवस के मौके पर मजदूरों की एकता को और मजबूत किए जाने का संकल्प लिया गया है. 6 जून को रांची में श्रम विभाग, नेपाल हाउस के समक्ष आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया गया. झुमरीतिलैया के वार्ड नंबर एक के मजदूर बस्ती नरेश नगर में सीटू के राज्य सचिव संजय पासवान ने हसुआ हथौड़ा युक्त लाल झंडा फहराकर कार्यक्रम की शुरुआत की. सीटू नेता संजय पासवान ने मज़दूर आंदोलन की एकता और संघर्ष के 53 साल के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा कि देश के सबसे जुझारू और संघर्षशील मज़दूर संगठन सीटू की इन सफलताओं में सैकड़ों कार्यकर्ताओं व नेताओं ने कुर्बानी दी है. अपनी जान तक गंवाकर भी लाल झण्डा उठाए रखा.
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मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को खोखला किया- संजय पासवान
संजय पासवान ने कहा कि साल 1970 मे अगर सीटू नहीं बनता तो बहुत मुमकिन था कि देश का श्रमिक आंदोलन अपनी धार ही नहीं बल्कि अस्तित्व भी खो बैठता. भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया है. इनकी नीतियां न केवल हमारी अर्थव्यवस्था बल्कि हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए भी विनाशकारी साबित हुई है. महंगाई से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए सीटू का संघर्ष जारी रहेगा. कार्यक्रम में निर्माण यूनियन के कोषाध्यक्ष शम्भू पासवान, लोकन साव, दिलीप भुइयां, चांदो भुइयां, प्रदीप कुमार, पिन्टू कुमार, मनोज ठाकुर, महेन्द्र प्रसाद, गीता देवी, सुनीता देवी, सरिता देवी, उर्मिला देवी, राधिका देवी, गीता देवी, कलवा देवी, किरण देवी, मीना देवी मौजूद थे.
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