Koderma: झुमरीतिलैया में सोमवार को मजदूर संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल को लेकर जुलूस निकाला. दो दिवसीय घोषित हड़ताल के पहले दिन 28 मार्च को कोडरमा जिला मे काफी असर रहा. सीटू, एटक और एक्टू सहित 11 ट्रेड यूनियनों, कर्मचारियों और मजदूर फेडरेशनों के आह्वान पर काफी संख्या में लोग हड़ताल के समर्थन में सड़क पर उतरे. उन्होंने मोदी सरकार द्वारा देश की सम्पदा का मेगा सेल लगाए जाने के खिलाफ नारे लगाये. उन्होंने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड रद्द करने और न्यूनतम मजदूरी 26 हजार करने की मांग की. साथ ही पुरानी पेंशन योजना बहाल करने और निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की. इस हड़ताल में बैंक, बीमा, पोस्ट ऑफिस, आंगनबाड़ी कर्मियों, अराजपत्रित कर्मचारी और निर्माण मजदूर सहित हजारों मजदूर कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए. इसे लेकर ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी फेडरेशनों व निर्माण मजदूर यूनियन के संयुक्त बैनर तले महाराणा प्रताप चौक के पास श्रम कल्याण केंद्र से विशाल मार्च निकाला गया. यह जुलूस झुमरीतिलैया शहर के मुख्य मार्ग, झंडा चौक, स्टेशन रोड से ओवरब्रिज के पास प्रदर्शन व सभा में तब्दील हो गया. जुलूस में निजीकरण पर रोक लगाओ, मोदी सरकार होश में आओ, पुरानी पेंशन लागू करो और एलआईसी में आईपीओ वापस लो के नारे लगाये गये. एक्टू के जिला संयोजक विजय पासवान की अध्यक्षता में हुई सभा को सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान, एटक के नेता व जिप सदस्य महादेव राम और निर्माण मजदूर यूनियन के नेता प्रेम प्रकाश सहित कई नेताओं ने सभा को संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार मजदूर कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा कर उल्टा उन पर हमला कर रही है. रोजगार के अवसर बंद होते जा रहे हैं, नोटबंदी और कोरोना महामारी के बाद लगभग ढ़ाई लाख छोटे कारखाने बंद हो गए. आज देश में बेरोजगारी की स्थिति भयावह हो गई है. दूसरी तरफ कमरतोड़ महंगाई के कारण आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. इसे भी पढ़ें- प्रमोद">https://lagatar.in/pramod-sawant-took-oath-as-the-chief-minister-of-goa-many-ministers-including-prime-minister-modi-were-present/">प्रमोद
सावंत ने गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, प्रधानमंत्री मोदी सहित कई मंत्री थे मौजूद कहा कि सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों में जमा राशि का 86 प्रतिशत हिस्सा आम जनता का है. लेकिन केवल 10 कॉरपोरेट घरानों के पास ही इन बैंकों का 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्ज के रूप में बकाया है. सरकार उन्हें बैड लोन के नाम पर छूट दे देती है. 29 सरकारी बैंकों में से कुछ प्रमुख बैंकों का एकीकरण कर दिया गया है. जिसके बाद अब केवल 12 सरकारी बैंक ही अस्तित्व में रह गये हैं. उसके निजीकरण के लिए भी संसद में कानून लाया जा रहा है. मौके पर अर्जुन यादव, महेश सिंह, उर्मिला देवी, रश्मी कुमारी, शाहीना प्रवीण, संतोषी देवी, रविन्द्र भारती, अशोक यादव, ममता देवी, मीना एक्का, सरिता सिन्हा, संध्या वर्णवाल, गुलनाज प्रवीण, पिंकी, सरिता, ललिता और आरती सहित कई लोग मौजूद थे. इसे भी पढ़ें- भ्रष्ट">https://lagatar.in/insolvency-law-modi-government-has-become-a-tool-to-save-corrupt-industrialists/">भ्रष्ट
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