: लाइब्रेरी में पांच पदों पर नियुक्ति के लिए 22 और 23 अगस्त को इंटरव्यू)
2016 के बाद गांव के किसी व्यक्ति को नहीं हुआ डायरिया
बता दें कि लायंस क्लब 2016 से तिलैया बस्ती में ब्लीचिंग पाउडर डाल रहा है. इसके पीछे एक पुरानी कहानी है. बताया जाता है कि 2016 में तिलैया के कई इलाकों में डायरिया का प्रकोप फैला था. उस समय लायंस क्लब ऑफ झुमरी तलैया टीम और डॉक्टरों ने गांव-गांव जाकर ग्रामीणों का इलाज किया और कई लोगों की जान बचायी. साथ ही सलाइन और जरूरी दवाएं बांटे थे. इसके बाद क्लब ने यह निर्णय लिया कि हर वर्ष गांव के कुएं में ब्लीचिंग पाउडर डाला जायेगा. इसके बाद 2016 से ही लायंस क्लब ने तिलैया बस्ती के गांव को ब्लीचिंग पाउडर डालने की शुरुआत की. इसके बाद से अब तक उस गांव में किसी को भी डायरिया नहीं हुआ. इसे भी पढ़ें : अवैध">https://lagatar.in/illegal-mining-case-advocate-missing-for-petition-filed-for-cbi-probe-police-engaged-in-search/">अवैधखनन केस: CBI जांच के लिए दायर याचिका के पैरवीकार लापता, खोज में लगी पुलिस
लायंस क्लब की पहल का ग्रामीणों ने किया था विरोध
गांव के पूर्व पार्षद प्रकाश आंबेडकर ने बताया कि लायंस क्लब जब पहली बार गांव के कुएं में ब्लीचिंग पाउडर डालने आये थे, तब गांव के अधिकांश ग्रामीणों ने इसका विरोध किया था. उनका मानना था कि कुएं में ब्लीचिंग पाउडर डालने से पानी का स्वाद बिगड़ जाता है और मछलियां भी मरने लगती है. हालांकि काफी समझाने के बाद सभी कुएं में ब्लीचिंग डालने के लिए तैयार हुए. अब सभी ग्रामीण इस कार्यक्रम में भाग लेते हैं. वे सहर्ष बोलते हैं कि हमारे कुएं में भी ब्लीचिंग पाउडर डाल दें. इसे भी पढ़ें : लातेहार">https://lagatar.in/latehar-life-saved-by-donating-blood-appeal-to-people-to-donate-blood/">लातेहार: रक्तदान कर बचायी जान, लोगों से भी ब्लड डोनेट की अपील [wpse_comments_template]
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