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कोडरमा : स्वावलंबी बनकर गांव का विकास कर रहे हैं ग्रामीण

Arun Barnabal Koderma :  जिला प्रशासन कोडरमा द्वारा जिले के कोडरमा प्रखंड अंतर्गत कोलगरमा पंचायत के बंदौता-फुलवरिया और जरगा पंचायत के कांटाझारी,डोमचांच प्रखंड के बगरीडीह पंचायत के हरिहरपुर और धरगांव पंचायत के लक्ष्मीपुर गांव को स्वावलंबी गांव के रूप में विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है.इसी कड़ी में उपायुक्त कोडरमा आदित्य रंजन एवं हजारीबाग की टीम के द्वारा बनौता फुलवरिया और हरिहरपुर  गांव में जाकर ग्रामीणों के बीच स्वावलंबी गांव बनाने के लिए लोगों को जागरूक किया. टीम के पर्यावरण विश्लेषक सह शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद, शंकर कुमार, मनोज कुमार द्वारा पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक किया गया. इसे भी पढ़ें-जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-fir-named-on-two-in-golmuri-firing-three-shells-recovered/">जमशेदपुर

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पूरे गांव को  साफ रखें

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alt="" width="600" height="400" /> उपायुक्त आदित्य रंजन ने स्वावलंबी गांव बनाने के लिए लोगों के बीच जाकर बेहतर और समृद्ध गांव कैसे बनाएं इसके बारे में जानकारी देते हुए लोगों को बताया कि आप अपने गांव का विकास कैसे करें. उन्होंने कहा कि गांव में कूड़ा-कचरा यत्र तत्र ना फैलाएं, इसके लिए डस्टबिन जगह जगह पर लगाएं और अपने गांव के मुख्य चौक-चौराहों के साथ-साथ पूरे गांव को  साफ रखें. गांव के विकास के लिए सभी तत्परता के साथ एकजुट रहें. आप अपने गांव को मॉडल गांव के रूप में विकसित करें. जल संरक्षण, प्रकृति संरक्षण की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए गांव का विकास जरूरी है. उन्होंने कहा कि आपके द्वारा रात्रि चौपाल के माध्यम से बैठक कर अपने गांव के विकास के लिए किया जा रहा प्रयास सराहनीय है. गांव के धार्मिक स्थलों के साथ-साथ मुख्य स्थलों को भी रंग रोगन के माध्यम से एवं नियमित साफ सफाई करके गांव के उत्थान के लिए प्रयास करें. आप अपने गांव को खुशहाल एवं समृद्ध गांव बना सकते हैं. जिसमें आपका प्रयास अपेक्षित है. इसके लिए जिला प्रशासन हर संभव मदद करने के लिए प्रयासरत रहेगा. इसे भी पढ़ें-राकेश्वर">https://lagatar.in/rakeshwar-pandey-appoints-dilip-bhardwaj-as-social-media-coordinator-of-jharkhand-intuc/">राकेश्वर

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ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी

पर्यावरण विश्लेषक सह शिक्षक सुरेंद्र प्रसाद ने ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण कविता के माध्यम से लोगों को जागरूक किया. कविता के रचयिता वे खुद हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित रखना है, तो पेड़ों के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल मनाएं ताकि आने वाली पीढ़ी इस त्यौहार से प्रेरित हो सकें. इसे भी पढ़ें-धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-there-should-be-a-cbi-inquiry-into-the-death-during-illegal-mining-babulal/">धनबाद

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पेड़ों की प्रजाति  की पहचान होनी चाहिए

शिक्षक मनोज कुमार ने बताया कि लगाए गए पौधे को जीवित रखने के साथ-साथ उनका संरक्षण वर्षों तक करें. इसके लिए पौधे लगाते समय सही गड्ढा करें. उन्होंने कहा कि पेड़ों की प्रजाति  की पहचान होनी चाहिए. साथ में एक घड़ा सभी पौधों के पास रखें जिससे पानी की समुचित व्यवस्था रह सके. इसे भी पढ़ें-धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-there-should-be-a-cbi-inquiry-into-the-death-during-illegal-mining-babulal/">धनबाद

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संरक्षण पर विशेष ध्यान

शिक्षक शंकर जी ने बताया कि सभी प्राणी प्राकृति पर निर्भर है, इसलिए प्रकृति का संरक्षण बहुत जरूरी है. मनुष्य को अपने बारे में ना सोचते हुए प्रकृति के साथ-साथ अन्य जीव जंतु के बारे में भी सोचना चाहिए और उनका संरक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इसे भी पढ़ें-चाईबासा:">https://lagatar.in/chaibasa-home-defense-corps-association-submitted-memorandum-to-drinking-water-sanitation-minister-for-deputation/">चाईबासा:

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महिलाएं भी दे रही है योगदान

जिला प्रशासन के प्रयास से गांव वाले आत्म निर्भर बनकर गांव की तस्वीर बदलने में पहल कर रहे हैं. इसमें पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दे रही हैं. गांव वाले श्रमदान कर गांव की ओर जाने वाली सड़कों के किनारे झाड़ियों को साफ करने के साथ साथ विशेष रूप से स्वच्छता अभियान चला रहे हैं. घरों के नाली का पानी सड़क या गली मुहल्ले में  ना गिरे, इसके लिए सोकपिट टैंक का निर्माण स्वयं कर रहे हैं. ग्रामीण श्रमदान कर गांव को स्वावलंबी गांव के रूप में विकसित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं.इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार, प्रशिक्षु उप समाहर्ता सारांश जैन, अनुज कुमार व अन्य मोजूद थे. [wpse_comments_template]

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