सभी छात्र गरीब परिवार से आते हैं, कोरोना काल में स्थिति दयनीय
धरना-प्रदर्शन में शामिल विद्यार्थियों ने कहा कि कोविड-19 महामारी की स्थिति से देश जूझ रहा है. देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्र भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के लिए स्थिति और भी भयावह है. ऐसी हालात में झारखंड के छात्रों के लिए शैक्षणिक गतिविधि को जारी रख पाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक रूप से पिछड़े राज्य होने के साथ-साथ विश्वविद्यालय के अधिकांश छात्र गरीब मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते है तथा उच्च शिक्षा पाने के लिये काफी संघर्ष करते हैं. कोरोना महामारी के कारण हम सबों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है. हम सभी सेमेस्टर-4 का नामांकन शुल्क तथा परीक्षा शुलक देने में असमर्थ हैं. ऐसी विकट परिस्थिति में हम सभी पर आर्थिक बोझ भी बहुत बढ़ गया है.कुलपति और विवि प्रशासन के खिलाफ की गई नारेबाजी
विगत कई महीनों पूर्व से नामांकन शुल्क में रियायत देने के संबंध में विभिन्न कॉलेजों के विद्यार्थियों द्वारा आवेदन तथा इ-मेल के माध्यम से सभी ने अपनी समस्याओं से विश्वविद्यालय को अवगत कराया था. लेकिन किसी तरह की उचित कार्रवाई नहीं की गयी. धरना प्रदर्शन में दौरान कुलपति प्रो गंगाधर पंडा समेत विवि व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की गयी. साथ ही विद्यार्थियों के हित में निर्णय लेने का मांग किया जा रहा. धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से दिव्या कुमारी शर्मा, रीमा, विशाल मधु कुमारी, हरि पांडा समेत काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.क्या है बीएड विद्यार्थियों की मांगें
- कोविड-19 महामारी के कारण बीएड सेमेस्टर-4 के नामांकन शुल्क को 50 प्रतिशत तक कम किया जाये
- बीएड सेमेस्टर-4 का परीक्षा शुल्क 600 रुपए माफ किया जाये, क्योंकि सेमेस्टर-3 का परीक्षा शुल्क 1100 रुपए दिया जा चुका है
- प्रत्येक बीएड कॉलेज में सेमेस्टर-4 का नामांकन शुल्क जमा करने की तिथि बढ़ाई जाये और किसी प्रकार का दबाव न दिया जाये.
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