Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय में विभिन्न कॉलेजों में लगभग 200 की संख्या में कार्यरत घंटी अधारित शिक्षकों का पुनः एक बार छह माह तक के लिये अवधि विस्तार कर दिया गया है. घंटी अधारित शिक्षकों का 30 सितंबर को कार्यकाल खत्म होना था. लेकिन इससे पहले ही अवधि विस्तार कर दिया गया. अब मार्च तक कॉलेजों में घंटी आधारित शिक्षक अपनी सेवा दे सकते हैं. सरकार के इस निर्णय पर घंटी आधारित शिक्षकों में हर्ष है. मालूम हो कि कोल्हान विवि में कई विषय पर स्थायी शिक्षक नहीं है. जिसके कारण सरकार ने अस्थायी के तहत घंटी आधारित शिक्षकों की बहाली करने की प्रक्रिया पिछले तीन सालों से की है. अधिकतर कॉलेजों में घंटी आधारित शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन होता है. अवधि विस्तार संबंधित पत्र एचआरडी ने केयू को भेज दिया है. इधर, घंटी आधारित शिक्षक लगातार वेतनमान आरंभ करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही शिक्षकों का कहना है कि सरकार सहायक प्रोफेसर के पदों पर वर्तमान में कार्यरत घंटी आधरित शिक्षकों को योगदान कराये.
प्रत्येक क्लास के तहत मिलती है राशि
कोल्हान विवि के घंटी आधारित शिक्षकों को प्रति क्लास के हिसाब से राशि प्रदान की जाती है. प्रत्येक क्लास के लिए 600 रुपये निर्धारित है. जबकि एक माह में अधिकतम 36 हजार रुपये तक ही मानदेय ले सकते हैं. रोजाना दो से तीन क्लास लेना होता है. कार्यरत शिक्षकों की योग्यता सहायक प्रोफेसर के समान है.
सरकार का निर्णय सराहनीय है. छह माह का अवधि विस्तार कर रोजगार को बरकरार रखा गया है. हमारी मांग है कि स्थायीकरण किया जाये. सहायक प्रोफेसर की जितनी योग्यता होती है, उतनी योग्यता घंटी आधारित शिक्षकों की भी है. डॉ मुरारी वैध, घंटी आधारित सहायक प्रोफेसर, कॉमर्स कॉलेज, चाईबासा
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