Ranchi: कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार कोलकाता में 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार हुए थे. इस मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी की टीम ने कोलकाता के साल्टलेक निवासी व्यवसायी अमित अग्रवाल को साल्टलेक स्थित आवास से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार करने के बाद उन्हें रांची लाया गया है. हालांकि इसकी आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हो पाई है.
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राजीव कुमार ने दी थी कई अहम जानकारी
मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर ईडी की टीम पूछताछ की थी. इस दौरान राजीव कुमार ने ईडी के समक्ष कई खुलासे किये थे. जानकारी के मुताबिक, राजीव कुमार ने ईडी को बताया था कि टेरर फंडिंग के संदिग्ध सोनू अग्रवाल ने उन्हें व्यवसायी अमित अग्रवाल से मिलवाया, लेकिन उन्होंने व्यवसायी से रंगदारी वसूलने से इनकार किया. राजीव कुमार ने रांची में ईडी द्वारा पूछताछ के दौरान यह बात कही. उन्होंने कहा कि सोनू अग्रवाल ने उन्हें एक केस लड़ने के लिए अमित अग्रवाल का वकील बनने की पेशकश की. जिसके लिए उन्हें उचित भुगतान किया जाएगा. यहां तक कि कोलकाता और रांची के लिए उनके आने-जाने के टिकट की व्यवस्था भी सोनू अग्रवाल ने की थी. सोनू अग्रवाल ने कोलकाता के एयरपोर्ट से राजीव कुमार को लेने के लिए अपने भरोसेमंद स्टाफ को भेजा था. राजीव कुमार ने दावा किया कि 31 जुलाई को वह अपने बेटे और सोनू अग्रवाल के साथ अमित अग्रवाल से मिलने क्वेस्ट मॉल गए थे. उन्होंने ईडी को बताया कि अमित अग्रवाल से मिलने से पहले सोनू अग्रवाल ने उनका हौसला बढ़ाया और कहा ‘ अब तो आपकी लाइफ ही बन जाएगी.’ उन्होंने अमित अग्रवाल से आमने-सामने मुलाकात की. राजीव कुमार ने कहा कि बैठक खत्म होने के बाद वे चलकर अपनी कार के अंदर बैठ गए. अमित अग्रवाल ने पास आकर हाथ में एक बैग रखा, जिसमें लिखा था कि वह उनके लिए एक छोटा सा तोहफा लेकर आए हैं. इसी दौरान पुलिस आयी और गिरफ्तार कर लिया.
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रवि केजरीवाल ने भी अहम जानकारी दी थी
कोलकाता के साल्टलेक इलाके में रहने वाले अमित अग्रवाल के बारे में झारखंड में सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल ने ईडी को पहले ही जानकारी दे दी थी. रवि केजरीवाल ने ईडी को बताया था, कि यह वही अमित अग्रवाल है, जिसकी जामताड़ा में मिहिजाम वनस्पति नामक कंपनी है. रवि केजरीवाल ने ही अमित अग्रवाल का झामुमो में परिचय कराया था. उसने कुछ शैल कंपनियों के बारे में ईडी को जानकारी दी थी और यह भी बताया था कि उन शेल कंपनियों के माध्यम से कुछ प्रमुख राजनेताओं के कालेधन सफेद होते थे.