Vinit Abha Upadhyay
Ranchi : प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच के लिए भेजे गए 36 भूखंडों के दस्तावेज फर्जी पाए जाने के बाद कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस ने शुक्रवार को एफआईआर दर्ज करवाई है. ED की जांच में जिन भूखंडों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, उसमें चेशायर होम रोड की भूमि से संबंधित डीड का भी जिक्र है. इसकी डीड संख्या 184, बुक संख्या 1, वॉल्यूम नंबर 24 और पेज नंबर 11 से लेकर 14 तक है. दरअसल चेशायर होम रोड की लगभग एक एकड़ से ज्यादा भूमि की खरीद-बिक्री जिन दस्तावेजों के सहारे की गई है, वह शुरुआत से ही सवालों के घेरे में है. चेशायर होम रोड की भूमि का पहला दावेदार उमेश गोप खुद को बताते हैं. खतियान में भी उमेश गोप के पूर्वजों का ही नाम दर्ज है. दूसरे दावेदार के रूप में लखन सिंह का नाम सामने आता है. जानकारी के मुताबिक लखन सिंह के नाम से बने दस्तावेज भी कलकत्ता के रिकॉर्ड रूम में मौजूद है, जो संदेहास्पद है. तीसरे दावेदार हैं राजेश राय, जिनके पिता हैं जगदीश राय. पुनीत भार्गव को इनके द्वारा ही जमीन की रजिस्ट्री की गई है. पुनीत भार्गव ने जमीन खरीदने के बाद दूसरे को रजिस्ट्री कर दी.
जांच समिति ने सभी दस्तावेजों को जाली पाया
कोलकाता रजिस्ट्रार ने 36 भूमि के दस्तावेजों की वास्तविकता की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था. समिति ने जांच के बाद सभी दस्तावेजों को जाली पाया है, जिसके बाद रजिस्ट्रार ने कोलकाता में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. ईडी ने रांची में करोड़ों रुपये से ज्यादा के लैंड स्कैम में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल सहित अन्य को गिरफ्तार किया है. लैंड स्कैम की अब तक की जांच में ईडी शहर के चर्चित कारोबारी विष्णु अग्रवाल और झारखंड हाईकोर्ट के वकील हिमांशु मेहता से भी पूछताछ कर चुकी है.
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