सीजेआई ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई, सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी. नेशनल टास्क फोर्स बनाने की बात कही.
NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि उसने कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में परास्नातक चिकित्सक के बलात्कार और हत्या मामले में स्वत: संज्ञान लिया है क्योंकि यह पूरे भारत में चिकित्सकों की सुरक्षा के संबंध में व्यवस्थागत मुद्दे को उठाता है. हमने स्वत: संज्ञान इसलिए लिया है क्योंकि रेप-हत्या के अलावा यह देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर भी है. कहा कि हम सुरक्षा को लेकर सुनवाई करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या प्रिंसिपल ने इसे सुसाइड बताने की कोशिश की है.
VIDEO | Kolkata doctor rape-murder case: “Supreme Court has issued directives to form a National Task Force. Along with this, all the viral pictures and posts naming the victim are to be removed. It has also directed the CBI to file a status report,” says advocate Satyam Singh.… pic.twitter.com/5DrmEbZP7A
— Press Trust of India (@PTI_News) August 20, 2024
West Bengal govt must ensure vandals who attacked RG Kar hospital are arrested and FIR filed against them, says SC
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चिकित्सकों की हड़ताल जारी है, मरीजों को परेशानियां हो रही हैं
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर चीजें बदलने के लिए देश एक और दुष्कर्म की घटना का इंतजार नहीं कर सकता. महिला चिकित्सक के बलात्कार और हत्या मामले को लेकर चिकित्सकों की हड़ताल को रविवार को एक सप्ताह हो गया और अब यह दूसरे सप्ताह भी जारी है जिससे मरीजों को परेशानियां हो रही हैं.
प्रदर्शनरत चिकित्सक चाहते हैं कि सीबीआई दोषियों को पकड़े और अदालत उन्हें मौत की सजा दे. वे सरकार से इस बारे में आश्वासन भी चाहते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. उच्चतम न्यायालय की पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.
कोर्ट ने पूछा, पीड़िता की पहचान उजागर कैसे हुई?
कोर्ट ने कहा कि हमें डॉक्टर्स की सुरक्षा की चिंता है. कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता की पहचान उजागर कैसे हुई? जब सात हजार लोग अस्पताल में घुसे तब पुलिस वहां क्या कर रही थी. वहां बहुत गंभीर वारदात हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी. जांच एजेंसी को गुरुवार तक यह जानकारी देनी होगी. साथ ही कोर्ट की निगरानी में नेशनल टास्क फोर्स बनाने की बात कही. जिसमें डॉक्टरों को शामिल किया जायेगा.
FIR दर्ज कराने में देरी क्यों हुई?
सीजेआई ने पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर चिंता जताई. कहा कि पीड़िता की तस्वीरें और पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी दिखाना चिंताजनक है. हर जगह पीड़िता की पहचान उजागर हुई. ऐसा नहीं होना चाहिए था. सीजेआई ने पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब तलब किया कि क्या प्रिंसिपल ने हत्या को आत्महत्या बताया?
पीड़िता के माता-पिता को सूचना देर से दी गयी? उन्हें मिलने नहीं दिया गया. सीजेआई ने पूछा कि क्या हत्या के तहत FIR दर्ज की गयी है? बेहद गंभीर मुद्दा बताते हुए पूछा कि एफआईआर दर्ज कराने में देरी क्यों हुई?
सीजेआई ने डॉक्टरों से कहा , काम पर लौटें
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि सबसे पहले एफआईआर किसने और कब दर्ज कराई. कोर्ट को जानकारी दी गयी कि उस रात 11.45 बजे पहली एफआईआर दर्ज की गयी थी. सीजेआई का कहना था कि अभिभावकों को बॉडी देने के साढ़े 3 घंटे के बाद एफआईआर दर्ज की गयी? सीजेआई ने पश्चिम बंगाल सरकार और हॉस्पिटल प्रशासन को फटकार लगाई. कहा, हॉस्पिटल प्रशासन आखिर क्या कर रहा था? साथ ही सीजेआई ने डॉक्टरों से कहा कि वे काम पर लौटें. हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं.
हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडे़ंगे, राष्ट्रहित का मामला है
हम इसे हाईकोर्ट के लिए नहीं छोडे़ंगे. ये राष्ट्रहित का मामला है. इस क्रम में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. हम एक युवा डॉक्टर के साथ एक यौन विकृत व्यक्ति द्वारा बलात्कार की घटना से निपट रहे हैं, लेकिन इसमें एक पशु जैसी प्रवृत्ति भी थी. मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी.