Hazaribagh: कोरोना का बढ़ता कहर लोगों की मौत का कारण बनता जा रहा है, लेकिन जिला प्रशासन अब भी इसे लेकर अधिक सक्रिय नहीं दिखाई दे रहा है. तभी तो न तो कोविड गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन हो रहा है और न ही पूरी तैयारी है. पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना के शवों की अंत्येष्टि समाजसेवियों के भरोसे हो रही है.
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ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी ठीक से नहीं की है. बता दें कि पिछले साल जिला प्रशासन लावारिस शवों की अंत्येष्टि का जिम्मा समाजसेवी तापस चक्रवर्ती और मोहम्मद खालिद की टीम को सौंपकर निश्चिंत हो गया था. पूरे करोनाकाल में मोहम्मद खालिद की टीम ने ही सभी शवों का अंत्येष्टि किया था.
शवदाह गृह तीन साल से खराब
बता दें कि विद्युत शवदाह गृह पिछले तीन साल से खराब है. इसे अब तक ठीक नहीं किया गया है. साथ ही संक्रमितों के दाह संस्कार को लेकर आसपास के इलाके को भी सील नहीं किया गया है. जबकि कोविड को देखते हुए प्रशासन को पहले से सबकुछ ठीक कर लेनी चाहिए था. जिस तरह से हालात बिगड़ रहे हैं उसके लिए व्यवस्था दुरूस्त होना जरूरी है. इसे लेकर एक चिट्ठी भी जिला प्रशासन को दी गई है, लेकिन इस पर अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.