Lagatar Desk
शिड्यूल ट्राईव (एसटी) में शामिल करने की मांग को लेकर कुड़मी समाज एक बार फिर से आंदोलन के मूड में हैं. कुड़मी समाज ने एक बार फिर से रेल रोको आंदोलन शुरु करने की घोषणा की है. यह आंदोलन झारखंड, बंगाल और ओड़िसा में होगा.
जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुरगुमा में कुड़मी समाज की बैठक हुई है. इसी बैठक में यह फैसला लिया गया है कि अगर केंद्र सरकार कुड़मी जाति को एसटी का दर्जा नहीं देती है, तो एक बार फिर से तीनों राज्यों में ट्रेनों के परिचालन को ठप्प कर दिया जायेगा.
कुड़मी समाज के मुख्य संरक्षक अजीत प्रसाद महतो ने बैठक में कहा है कि कुड़मी को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए संवैधानिक तरीकों पर काम किया गया. हर कोशिश की गई. लेकिन अब चुप बैठने का वक्त नहीं रहा. दिल्ली को पता चलना चाहिए कि कुड़मी समाज की मांगों पर विचार नहीं करना कितना अब मुश्किल है.
जानकारी के मुताबिक रेलवे को ठप्प करने का आंदोलन 8 माह बाद 20 सितंबर से शुरु होगा. इस दौरान समाज के लोग तीनों राज्यों में बैठकें करके आंदोलन को सफल बनाने की रणनीति तैयार करेंगे. बैटक में समाज के केंद्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर महतो, साधन महतो, डॉ सुजीत कुमार महतो, रासबिहारी महतो, छोटेलाल महतो, संजय महतो, बसंत महतो, सुनील कुमार महतो आदि ने लोगों को संबोधित किया.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 में भी कुड़मी समाज ने इसी मांग को लेकर पश्चिम बंगाल औऱ ओड़िसा में आंदोलन किया था. जिसका असर ना सिर्फ रेलवे पर पड़ा था, बल्कि झारखंड बंगाल के हाईवे पर भी आंदोलन का असर पड़ा था. मालवाहक व यात्री वाहन कई दिनों तक हाईवे पर रुका रहा था.