Umesh Yadav
Latehar: पीटीआर के वनभूमि पर बसा गांव कुजरूम में पिछले 10 वर्षों से पुनर्वास की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन अब लगता है कि पुनर्वास प्रक्रिया पर ग्रहण लग गया. वन विभाग द्वारा कुजरूम के 56 परिवारों को सरयू के पईलापथल में बसाने की योजना थी. बाद में स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के बाद पईलापथल के स्थान पर पलामू के पोलपोल कला में स्थान चयन किया गया. वर्तमान में 23 परिवार का मकान पोलपोल कला में लगभग तैयार हो गए हैं. इनमें ग्राम प्रधान ललू उरांव भी शामिल है. बचे हुए 33 परिवार नें ग्राम प्रधान ललू उरांव के स्थान पर उपेंद्र उरांव को ग्राम सभा कर प्रधान मनोनीत किया है. बताते चलें कि उपेंद्र उरांव के नेतृत्व में लगातार 33 परिवारों के साथ कुजरूम में ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा है.
उपनिदेशक ने कुजरूम जाकर ग्रामीणों के साथ की वार्ता
कुजरूम के आधे ग्रामीणों के वन विभाग के विस्थापन प्रक्रिया के प्रति नाराजगी के बाद पीटीआर दक्षिणी उप निदेशक कुमार आशीष 20 जून को कुजरूम पहुंचे. ग्रामीणों नें रोजगार और पेयजल की समस्या से अवगत कराया. इसके बाद उन्होंने रेंजर को पत्र जारी कर समस्या दूर करने के लिए निर्देश दिया. था. उन्होंने स्पष्ट किया की पक्की संरचनायें को छोड़कर बाकी कार्य में कोई रोक नहीं है. एक अलग पत्र कुजरूम के ग्राम प्रधान ललू उरांव को लिखते हुए उन्होंने पुनर्वास के लिए सहमत एवं असहमत लोगों का सूची की मांग की, ताकि विस्थापन के लिए जारी की गई राशि वापस की जा सके. पीटीआर दक्षिणी के उप निदेशक कुमार आशीष नें स्पष्ट किया कि ग्रामीणों की सहमति बगैर पुनर्वास नहीं किया जायेगा. केवल सहमत लोगों को पुनर्वास किया जायेगा. बचे हुए लोगों से स्वीकृत राशि नियमसंगत वापस करायी जायेगी.
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