Ranchi : फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के आग्रह पर श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा श्रमायुक्त, झारखंड की अध्यक्षता में गठित उप समिति की बैठक विभागीय कार्यालय में मंगलवार को हुई. चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री के नेतृत्व में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधिमंडल ने अपना पक्ष रखते हुए देश के विभिन्न राज्यों में प्रभावी न्यूनतम मजदूरी दर की तालिका दिखाते हुए यह स्पष्ट किया कि अन्य राज्यों की तुलना में हमारे राज्य में न्यूनतम मजदूरी की दर काफी अधिक है.
विकसित राज्यों के समकक्ष हमारे राज्य में दर तय की गयी है
उन्होंने कहा कि विकसित राज्यों के समकक्ष हमारे राज्य में दर तय की गयी है, जो उचित नहीं है तथा इसमें संशोधन की जरूरत है. झारखंड में किसी भी स्थिति में न्यूनतम मजदूरी की दर में 5 फीसदी से अधिक बढ़ोत्तरी नहीं की जाये. उन्होंने कहा कि विभाग की चिंता वर्तमान में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या के समाधान की होनी चाहिए, ताकि लोगों का विकास संभव हो, राज्य में किस प्रकार रोजगार के नये अवसर बढ़ें, इसपर भी चिंतन होना चाहिए.
श्रमिकों के हित में राज्य में न्यूनतम मजदूरी दर तय हो.
महासचिव परेश गट्टानी व कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार ने संयुक्त रूप से कहा कि दर में बढ़ोत्तरी का आधार भी स्पष्ट नहीं किया गया है. पूर्व न्यूनतम मजदूरी का पुर्ननिरीक्षण 1 अक्टूबर 2019 से हुआ था और उसकी अवधि 5 वर्ष की थी जो कि 1 अक्टूबर 2024 को समाप्त होगी. ऐसे में विभाग के पास इन बिंदुओं पर सम्यक विचार के लिए करीब सात माह का समय बचा है. हमारा प्रयास होगा कि समिति के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स के साथ ही श्रमिकों के हित में राज्य में न्यूनतम मजदूरी दर तय हो.
कमिटी चैंबर के साथ अन्य राज्यों की दरों की तुलना व दरों का अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगी
बैठक में सहायक श्रमायुक्त अजीत पन्ना, विभागीय अधिकारी राजेश कुमार, प्रदीप लकडा शामिल थे. मालूम हो 8 अप्रैल 2024 को चैंबर व विभागीय सचिव के साथ हुई बैठक में न्यूनतम मजदूरी दर के निर्धारण/संशोधन पर विचार के लिए विभाग द्वारा समिति का गठन किया गया है. यह कमिटी चैंबर के साथ बैठकर अन्य राज्यों की दरों की तुलना व दरों का अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगी. मौके पर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव शैलेष अग्रवाल, अमित शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार, आदित्यपुर स्माल इंडस्ट्री एसोसिएशन, जेसिया, रिफ्रैक्टरी एसोसिएशन के प्रतिनिधियों समेत यूनियन संघ के पदधारी शामिल थे.
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