Chatra: मयूरहंड प्रखंड क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के कारण फुलांग पंचायत अंतर्गत बांसडीह निवासी अतिमा खातून पति कयूम मियां का कच्चा मकान धराशायी हो गया. इससे पीड़ित परिवार के समक्ष सिर छिपाने की समस्या हो गई है. पीड़ित परिवार बच्चों संग दूसरे के घर शरण लेने को विवश है. पीड़िता की माली हालत इतनी ज्यादा खराब है कि अपने जीर्ण-शीर्ण कच्चे मकान पर प्लास्टिक डालकर किसी तरह बच्चों के साथ जीवनयापन कर रही थी, परंतु लगातार हो रही बारिश के कारण कच्चा मकान धराशायी हो गया. पीड़िता दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह परिवार का भरण पोषण कर रही थी.
पीड़िता ने पंचायत की मुखिया रेणू देवी के अलावा अंचल अधिकारी व थाने में आवेदन देकर मदद की गुहार लगाई है. सबसे बड़ी विडंबना है कि इस तरह के जरूरतमंद लोगों को अभी तक प्रधानमंत्री आवास एवं अबुआ आवास मुहैया नहीं कराया जा सका है. इससे जिम्मेदार जन प्रतिनिधि एवं प्रखंड व जिला प्रशासन की कथनी व करनी में का पता चलता है. आखिर ऐसे पीड़ित लाभुकों को आवास जैसी महत्वपूर्ण योजना से लाभान्वित नहीं करना क्या कहलाता है? आज भी गैर जिम्मेदार जन प्रतिनिधि व प्रशासन के रवैया से दर्जनों योग्य लाभुक जर्जर आवास में रहने को मजबूर हैं या दूसरे के घरों में शरण लेने को विवष हैं.
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