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खनिज संसाधनों की कमी: झारखंड की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा

Ranchi: झारखंड में खनिज संसाधनों की कमी एक बड़ी समस्या है. हालांकि खनिज उत्पादन से राजस्व संग्रह में वृद्धि हुई है. लेकिन यह अभी भी राज्य की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. झारखंड में लौह अयस्क की कमी एक बड़ी समस्या है. राज्य में लौह अयस्क का उत्पादन 21.434 हजार टन से बढ़कर 24,728 हजार टन हो गया है. लेकिन यह अभी भी राज्य की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. इसका खुलासा आर्थिक सर्वेक्षण की रिर्पोट में हुआ है.

बॉक्साइट और तांबा अयस्क की कमी

बॉक्साइट और तांबा अयस्क की कमी भी एक बड़ी समस्या है. बॉक्साइट का उत्पादन 2020-21 में 1,497 हजार टन से बढ़कर 2021-22 में 1,819 हजार टन हो गया है. लेकिन तांबा अयस्क का उत्पादन 2020-21 में 42 हजार टन से गिरकर 2021-22 में 26 हजार टन हो गया है.

ग्रेफाइट और क्यानाइट की कमी

ग्रेफाइट और क्यानाइट की कमी भी एक बड़ी समस्या है. ग्रेफाइट के उत्पादन में कमी हुई है, जो 2020-21 में 5,962 टन से घटकर 2021-22 में मात्र 21 टन रह गई है. क्यानाइट के उत्पादन में तेज़ वृद्धि देखी गई है, जो एक खदान से 2,899 टन तक पहुंच गया है.

खनिज उत्पादन से संग्रह में वृद्धि

खनिज उत्पादन से संग्रह में वृद्धि हुई है. वर्ष 2016-17 में 17,561.83 करोड़ रुपए से, खनिज उत्पादन का मूल्य लगातार बढ़ा, जो वर्ष 2021-22 में 58,300. 17 करोड़ रुपए पर पहुंच गया.

फैक्ट फाइल

- झारखंड में लौह अयस्क की कमी एक बड़ी समस्या है. - बॉक्साइट और तांबा अयस्क की कमी भी एक बड़ी समस्या है. - ग्रेफाइट और क्यानाइट की कमी भी एक बड़ी समस्या है. - खनिज उत्पादन से संग्रह में वृद्धि हुई है. - राज्य सरकार को खनिज संसाधनों की कमी का समाधान निकालने के लिए ठोस उपाए नहीं

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