Ranchi: यह सब झारखंड जैसे राज्य में ही संभव है. यहां नेताओं, अधिकारियों अभियंताओं और ठेकेदारों का नेक्स्स बहुत मजबूत हैं. इसकी एक बानगी भर यह खबर है. जिस अभियंता के खिलाफ गड़बड़ियों को लेकर महज कुछ माह पहले आरोप गठित किया गया था, उसी अभियंता को उसी परियोजना का चीफ इंजीनियर का प्रभार सौंप दिया गया है. सुवर्णरेखा बहुदेशीय परियोजना के तत्कालीन सहायक अभियंता अशोक कुमार दास के खिलाफ महालेखाकार ऑफिस के निर्देश पर आरोप गठित किया गया था.
लघु वितरणी प्रमंडल 12 ने सुवर्णरेखा बहुदेशीय परियोजना के अधिचन अभियंता को लिखा था पत्र
इस संबंध में अशोक कुमार दास के अलावा हेमंत कुमार, रमेश कुमार सिंह, मो सरफराज, गोपाल जी, शीतल प्रसाद सिंह, भारत प्रसाद ठाकुर, अनिल सिंह, दयानंद कुमार, जयप्रकाश और अंजनी कुमार के खिलाफ पैसों के बंदरबांट के आरोप में प्रपत्र क गठित किया गया था. इस सिलसिले में लघु वितरणी प्रमंडल 12 ने सुवर्णरेखा बहुदेशीय परियोजना के अधिचन अभियंता को पत्र लिखकर सूचित भी किया था. सहायक अभियंता अशोक कुमार दास पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाया गया था. महालेखाकार ऑफिस ने भी जांच कर इसकी पुष्टि की थी.
और बना दिया गया चीफ इंजीनियर
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने मजबूत पहुंच पैरवी के बल पर अशोक कुमार दास के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. सूत्रों का कहना है कि दास की पहुंच कुछ बड़े नेताओं तथा सचिवालय के शीर्ष अधिकारियों तक है. बीते मई के तीसरे सप्ताह उन्हें सुवर्णरेखा बहुदेशीय परियोजना के चीफ इंजीनियर का प्रभार तक सौंप दिया गया.
इंजीनियर सर्किल में चर्चा का विषय
अशोक कुमार दास को मुख्य अभियंता का प्रभार मिलना इंजीनियर सर्किल में चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जाता है कि उनकी पोस्टिंग के लिए बड़ा खेल हुआ है.
इसी तरह भगवान विरसा जैविक उद्यान के डायरेक्टर पर पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ मछली घर में एक करप्शन का चार्ज लगाकर सरकार को लिखा था सरकार ने 17 अट्ठारह मैं इनको वहां से हटा दिय और इन्हीं के विरुद्ध लोकायुक्त में श्री अशोक कुमार वर्मा नामक व्यक्ति ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराएं हैं 2021 में इनको फिर से यहां का डायरेक्टर बना दिया