में हेराफेरी कर रांची में हो रही जमीन की रजिस्ट्री, अवर निबंधक की भूमिका पर संदेह ! पढ़ें क्या है मामला
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डॉट इन ने उजागर किया था मामला
लगातार">https://lagatar.in/">लगातारडॉट इन ने चार जनवरी को यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. शीर्षक था “दस्तावेजों में हेराफेरी कर रांची में हो रही जमीन की रजिस्ट्री, अवर निबंधक की भूमिका पर संदेह ! पढ़ें क्या है मामला”. इस मामले पर लगातार">https://lagatar.in/">लगातार
संवाददाता ने अवर निबंधक अविनाश कुमार से बात भी की थी. लेकिन उन्होंने सभी आरोपों को खारिज किया था. साथ ही सही पत्रकारिता करने की सीख भी दी थी. इसे भी पढ़ें -आदिवासी">https://lagatar.in/tribal-land-registered-in-the-name-of-non-residents-verification-of-documents-does-not-happen-in-ranchi-registry-office/15539/">आदिवासी
जमीन गैरआदिवासियों के नाम हुई रजिस्ट्री, रांची रजिस्ट्री ऑफिस में नहीं होता दस्तावेजों का सत्यापन
जानें क्या है मामला
कांके अंचल के डूमरदग्गा मौजा स्थित खाता नंबर 112 प्लॉट नंबर 65 रकबा 83 डिसमिल जमीन धनवा मुंडा के नाम से आरएस खतियान में दर्ज है. वहीं अंचल कार्यालय के पंजी टू के वॉल्यूम 1 तथा पेज नंबर 107 में सोहराय मुंडा वगैरह के नाम से जमाबंदी अब भी कायम है. इस भूमि के आदिवासी रैयतो द्वारा वर्ष 2020-21 तक का लगान रसीद कटाया गया है. इसके बावजूद रजिस्ट्री कार्यालय की मिलीभगत से सीएनटी भूमि को गैर आदिवासियों के नाम रजिस्ट्री कर दिया गया. रांची में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां रजिस्ट्री कार्यालय के द्वारा आंख बंद कर के की गई रजिस्ट्री के कारण भूमि विवाद सामाने आ चुके हैं. इसे भी पढ़ें -एक">https://lagatar.in/registry-of-the-same-account-plot-buyer-and-seller-one-but-commercial-for-10-decimals-and-residential-rate-of-90/15870/">एकही खाता-प्लॉट, क्रेता-विक्रेता भी एक, मगर 10 डिसमिल की कॉमर्शियल और 90 की आवासीय दर पर की रजिस्ट्री
कब की गई जमीन की रजिस्ट्री
उपरोक्त खाते की 30 डिसमिल जमीन का निबंधन डीड नंबर 7974 एवं 7975 के द्वारा दिनांक 19 नवंबर 2019 को फर्जी तरीके से कर दिया गया. इस जमीन की रजिस्ट्री में फर्जी खतियान एवं लगान रसीद का प्रयोग किया गया है. निबंधन में जिस खतियान पंजी टू एवं रसीद का प्रयोग हुआ है. उसमें शेख करामत अली वगैरह का नाम अंकित है तथा पंजी टू एवं रसीद का वॉल्यूम एक तथा पेज नंबर 111 में खाता नंबर 112, प्लॉट नंबर 65 दर्शाया गया है. जबकि मूल पंजी टू के वॉल्यूम 1 तथा पेज नंबर 111 में गोवर्धन महतो का नाम दर्ज है. जो कि खाता 121 से संबंधित है. इसे भी पढ़ें -जानिए">https://lagatar.in/know-how-to-overtake-jamtara-deoghar-became-the-home-of-cyber-criminals/17443/">जानिएकैसे जामताड़ा को पीछे छोड़ देवघर बना साइबर अपराधियों का ठिकाना
भूमि रजिस्ट्री को लेकर क्या है विभागीय आदेश
विभाग के द्वारा आदिवासी खाते की जमीन एवं अन्य वर्ग की जमीन का निबंधन के पूर्व अंचल कार्यालय से सत्यापन मूल खतियान एवं रसीद का मिलान करना अनिवार्य बनाया गया है. लेकिन इस भूमि के रजिस्ट्री के पूर्व अवर निबंधक अविनाश कुमार ने विभाग की अधिसूचना को भी दरकिनार करते हुए रजिस्ट्री किया. इस भूमि की रजिस्ट्री में निबंधन कार्यालय, रांची की भूमिका भी संदेह के घेरे में आती है. इसे भी पढ़ें -जानिए">https://lagatar.in/know-why-the-civil-court-termed-the-killer-as-innocent-by-the-high-court/17328/">जानिएक्यों जिसे सिविल कोर्ट ने हत्यारा बताया उसे हाइकोर्ट ने कहा बेगुनाह