Akshay Kumar Jha
Ranchi: लगातार.इन की खबर का असर हुआ है. जुमार नदी, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रिवर व्यू प्रोजेक्ट तैयार करने के मामले में संदिग्ध भूमिका निभानेवाले कांके सीओ अनिल कुमार के निलंबन की फाइल मुख्यमंत्री के पास भेज दी गयी है. बता दें कि लगातार.इन ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रिवर व्यू प्रोजेक्ट बनाने और बेचने का खुलासा किया था. इसके बाद जिला प्रशासन ने इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज करायी थी और उपायुक्त ने भू-राजस्व विभाग को भेजी रिपोर्ट में कांके सीओ अनिल कुमार, अंचल निराक्षक और हल्का कर्मचारी की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए उन्हें निलंबित करने और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामला दर्ज कराने की अनुशंसा की थी.
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एसीबी में मामला दर्ज होगा, निगरानी को भेजा गया पत्र
उपायुक्त की रिपोर्ट मिलने के बाद भू-राजस्व विभाग द्वारा इस मामले में सीओ के साथ अंचल निरीक्षक और हल्का कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए कार्मिक को अनुशंसा की गयी. इसपर संज्ञान लेते हुए कार्मिक विभाग ने तीनों के खिलाफ एक्शन लिया है. सीओ के निलंबन की अनुशंसा के साथ फाइल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अनुमोदन के लिए भेजी गयी है.
सीआई और हल्का कर्मचारी पर पर भी गाज गिर सकती है. इसके साथ ही भू राजस्व विभाग ने सीओ समेत तीनों सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लिए मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को लिख दिया है.
सरकारी जमीन लुटती रही, सीओ तमाशबीन बने रहे
करीब 25 एकड़ में फैले रिवर व्यू प्रोजेक्ट में कांके सीओ की भूमिका शुरू से ही संदिग्ध रही है. कांके में रिंग रोड के बगल में जुमार नदी को भरकर समतलीकरण का काम किया जा रहा था. रोज वहां जेसीबी और बड़ी गाड़ियों की मदद से नदी को भरने का काम किया जा रहा था. लेकिन कांके सीओ की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. लगातार न्यूज नेटवर्क में खबर चलने के बाद रांची प्रशासन हरकत में आया और दो एफआईआर हुए.
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पुलिस हाउसिंग कॉलोनी मामले में भी कार्रवाई का इंतजार
सीओ अनिल कुमार ने जब कांके में बतौर सीओ का पद संभाला, उस वक्त कांके अंचल में रिंग रोड के पास ही पुलिस हाउसिंग का मामला गरम था. मीडिया में यह मामला आने के बाद प्रशासन की तरफ से जांच हुई, लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं निकला. अनिल कुमार के कार्यकाल में पूरी पुलिस हाउसिंग कॉलेनी बनकर तैयार हो गयी. पूर्व डीजीपी डीके पांडे ने करीब 50 डिसमिल भुईंहरी जमीन पर अपना आलीशान मकान बनाकर खड़ा कर दिया और कांके सीओ मूकदर्शक बने रहे. जांच रिपोर्ट जब कमिश्नर के पास पहुंची, तो उन्होंने जांच में गलती बताते हुए फिर से फाइल सीओ के पास भेज दी. पुलिस हाउसिंग कॉलोनी जैसे बड़े जमीन घोटाले से भी सीओ अनिल कुमार ने सबक नहीं लिया और उनके रहते नदी को भर दिया गया.
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