Ranchi: रातू अंचल कार्यालय में बिना उचित कारण के दाखिल-खारिज आवेदन को अस्वीकृत करने और मामलों के निपटारे में अनावश्यक देरी को लेकर अब प्रशासन सख्त हो गया है. उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के निर्देश पर मंगलवार को जिला परिवहन पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने रातु अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और बारीकी से जांच की.
इस दौरान रैंडम रूप से 10 डिसमिल तक की भूमि से संबंधित 5 अस्वीकृत दाखिल-खारिज मामलों की जांच की गई. जांच में पाया गया कि आवेदन तकनीकी रूप से अस्वीकृत करने योग्य थे, लेकिन उन्हें निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक लंबित रखा गया, जो अंचल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है.
7 दिन में निपटाएं सभी लंबित मामले
जिला परिवहन पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि दाखिल-खारिज के सभी लंबित मामलों की सूची तत्काल उपलब्ध कराएं और आगामी सात दिनों के भीतर सभी मामलों का निष्पादन सुनिश्चित करें. साथ ही, जिन मामलों को 10 डिसमिल तक की जमीन होने के बावजूद अस्वीकृत किया गया है, उनकी विस्तृत केसवार सूची भी मांगी गई है ताकि यह जांच हो सके कि कहीं बिना उचित कारण के मामलों को खारिज तो नहीं किया गया.
उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने जिले के सभी अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि दाखिल-खारिज जैसे संवेदनशील मामलों को समय पर और पारदर्शिता से निष्पादित करें. उन्होंने कहा कि बिना उचित कारण के किसी भी आवेदन को खारिज करना गंभीर लापरवाही मानी जाएगी और इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी. दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई तय मानी जाएगी.
रातु अंचल पहले से सवालों के घेरे में
गौरतलब है कि उपयुक्त मंजूनाथ भजन्त्री के इस निर्देश से मात्र कुछ घंटे पहले ही lagatar.in ने एक खबर प्रमुखता से चलायी थी जिसमें यह बताया गया था कि रातु अंचल कार्यालय में सीओ और सीआई समय पर नहीं पहुंचते, जिससे आम लोगों को लंबी प्रतीक्षा करनी पड़ती है या उन्हें बिना काम कराए निराश लौटना पड़ता है. उसी खबर के कुछ ही घंटे बाद उपायुक्त ने गंभीर रुख अपनाते हुए जांच दल को भेजा.
प्रशासन की इस तत्परता से यह संकेत साफ है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जमीन और दाखिल-खारिज से जुड़े मामलों में पारदर्शिता लाने और आम जनता को राहत देने के लिए जिला प्रशासन सक्रिय हो चुका है. आने वाले दिनों में अन्य अंचलों की भी इसी तर्ज पर जांच संभव है.
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