- अशोक नगर सोसाइटी ने बाउंड्री के बाहर की जमीन के म्यूटेशन का भी किया था आवेदन, सीओ ने किया खारिज
- अशोक नगर सोसाइटी की 143 एकड़ जमीन के म्यूटेशन का एक आवेदन भी किया खारिज दूसरा लंबित
Praveen Kumar
Ranchi : अशोक नगर की 143 एकड़ जमीन का म्यूटेशन नहीं हुआ है. बिना म्यूटेशन के ही इस जमीन पर अरबों रुपये की सर्विस हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, अशोक नगर डेवलप कर दी गयी. 17 जून 2022 को एक बार फिर से इसके म्यूटेशन के लिए आवेदन किया गया. 1 अप्रैल 2023 को इसकी म्यूटेशन केस संख्या 312-आर 27/2022-2023 को रांची जिले के अरगोड़ा अंचल ने खारिज कर दिया. सोसायटी ने उस जमीन के म्यूटेशन के लिए भी आवेदन दिया था, जो उसकी चहारदीवारी के भीतर नहीं है. इसे भी खारिज कर दिया गया. यह जमीन लगभग 83 डिसमिल है.
बाउंड्री के बाहर की जमीन सोसाइटी के कब्जे में नहीं, इसलिए म्यूटेशन खारिज किया गया
म्यूटेशन आवेदन खारिज करने का कारण बताते हुए सीओ ने कहा कि एक प्लॉट संख्या दो खातों में नहीं हो सकती. जबकि सोसाइटी की ओर से एक प्लॉट संख्या को एक से अधिक खातों में दर्शाया गया है. प्लॉट संख्या 2279 के 13 रकबे दर्शाये गये हैं. कुछ में एक ही प्लॉट संख्या पर तीन से चार रकबे दर्शाये गये हैं. वहीं कई अन्य प्लॉट संख्याओं में प्रत्येक में एक से अधिक रकबे दर्शाये गये हैं. वहीं, नियमानुसार किसी भी जमीन का म्यूटेशन तभी हो सकता है, जब जमीन आवेदक के कब्जे में हो. जबकि सोसाइटी की बाउंड्री के बाहर की जमीन सोसाइटी के कब्जे में नहीं है. इसलिए उस जमीन का म्यूटेशन भी खारिज कर दिया गया.
बिहार स्टेट हाउसिंग बोर्ड, पटना से खरीदी गयी है जमीन
सोसाइटी का कुल रकबा 143.36 एकड़ है. यह जमीन बिहार स्टेट हाउसिंग बोर्ड, पटना से खरीदी गयी है. लेकिन जमीन की जो डीड पेश की गयी थी, उसमें खाता और प्लॉट संख्या दर्ज नहीं थी. पूर्व में अरगोड़ा अंचल में इसके म्यूटेशन के लिए आवेदन किया गया था, जिसका दाखिल-खारिज वाद संख्या 1935 -आर 27/ 2021-22 है. इसे अरगोड़ा सीओ अरविंद कुमार ओझा ने राजस्व उपनिरीक्षक एवं अंचल निरीक्षक के प्रतिवेदन के आधार पर रिजेक्ट कर दिया था.
म्यूटेशन आवेदन खारिज करने के कारण
- प्लॉट नंबर 2141 को दो खातों में दर्शाया गया है. यह दो खातों का हिस्सा नहीं हो सकता, दो अलग-अलग खाता यानी खाता संख्या 36 और खाता संख्या 113 एक साथ उसी मौजा में नहीं हो सकते हैं.
- म्यूटेशन के लिए दिये गये आवेदन में खाता संख्या और रकबा शून्य भी दर्ज किया गया है, जो नहीं हो सकता.
- सोसाइटी द्वारा जमीन का जो नक्शा उपलब्ध कराया गया है, उसमें सोसाइटी की चहारदीवारी के भीतर प्लॉट नंबर 2223, 2226 और 2156 नहीं आता, जिसकी खाता संख्या क्रमशः 268, 28 और 148 है.
- इसके अलावा सोसाइटी ने जो दस्तावेज जमा किया है, वह म्यूटेशन के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं है.
- बिहार राज्य आवास बोर्ड और सोसाइटी के बीच किये गये रजिस्ट्री डीड में खाता प्लॉट दर्ज नहीं है. म्यूटेशन आवेदन के लिए पर्याप्त दस्तावेज जमा नहीं किये गये हैं.
किस-किस भूखंड का म्यूटेशन आवेदन हुआ खारिज
खाता नंबर | प्लॉट संख्या | रकबा (डिसमिल) |
36 | 2141 | 68 डिसमिल |
36 | 2141 | 18.2 डिसमिल |
113 | 2141 | 7 डिसमिल |
36 | 2142 | 28 डिसमिल |
36 | 2142 | 0 डिसमिल |
233 | 2146 | 6 डिसमिल |
233 | 2146 | 36 डिसमिल |
233 | 2146 | 20 डिसमिल |
233 | 2146 | 51 डिसमिल |
290 | 2147 | 13 डिसमिल |
225 | 2155 | 9 डिसमिल |
148 | 2156 | 0 डिसमिल |
289 | 2157 | 2 एकड़, 18 डिसमिल |
289 | 2159 | 2 एकड़, 49 डिसमिल |
148 | 2186 | 63 डिसमिल |
196 | 2189 | 50 डिसमिल |
36 | 2190 | 44 डिसमिल |
105 | 2191 | 36 डिसमिल |
117 | 2195 | 0 डिसमिल |
290 | 2195 | 75 डिसमिल |
33 | 2203 | 80 डिसमिल |
211 | 2216 | 1 एकड़, 64 डिसमिल |
34 | 2221 | 1 एकड़, 29 डिसमिल |
268 | 2223 | 8 डिसमिल |
268 | 2223 | 4 डिसमिल |
88 | 2226 | 35 डिसमिल |
41 | 2279 | 10.73 डिसमिल |
41 | 2279 | 5.5 डिसमिल |
197 | 2279 | 5.5 डिसमिल |
41 | 2279 | 5.5 डिसमिल |
41 | 2279 | 10.73 डिसमिल |
41 | 2279 | 5.25 डिसमिल |
41 | 2279 | 7.25 डिसमिल |
41 | 2279 | 7 डिसमिल |
41 | 2279 | 1 एकड़, 7.1 डिसमिल |
41 | 2279 | 1 एकड़, 8.1 डिसमिल |
41 | 2279 | 0 डिसमिल |
41 | 2279 | 3.59 डिसमिल |
41 | 2279 | 3.88 डिसमिल |
27 | 2280 | 9.4 डिसमिल |
27 | 2280 | 4.6 डिसमिल |
197 | 2281 | 13 डिसमिल |
197 | 2281 | 13.5 डिसमिल |
पहले भी खारिज किये जा चुके हैं आवेदन
सर्विस हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, अशोक नगर की जमीन के म्यूटेशन के लिए पहले भी आवेदन दिए गए थे जिन्हें खारिज कर दिया गया था. सबसे पहले आवेदन संख्या 1929/21-22 को खारिज किया गया. इसके बाद आवेदन संख्या 1935/21-22 और आवेदन संख्या 1936/21-22 को खारिज किया गया. जिस अंचलाधिकारी ने पूर्व में आवेदन खारिज किया था, वही सीओ पुन: म्यूटेशन आवेदन के मामले देख रहे हैं. हाल ही में म्यूटेशन का एक और आवेदन खारिज कर दिया गया लेकिन एक आवेदन पिछले कई महीनों से लंबित है.