Patna : जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार को बड़ी राहत मिली है. दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव को जमानत दे दी है. उन्हें 1-1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी गयी है. अब इस मामले अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. इससे पहले लालू, तेज प्रताप और तेजस्वी यादव राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे. उनके साथ पार्टी सांसद मीसा भारती भी मौजूद थीं.
#UPDATE 'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों और पार्टी नेताओं तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमानत दे दी है। उन्हें 1-1 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी गई है। अगली सुनवाई की तारीख 25 अक्टूबर है। https://t.co/hdVbW2arRy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 7, 2024
लालू ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लिखवा लीं जमीन
सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकायी गयी. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गयी. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गयी.
ईडी का दावा, 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिले
बता दें कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ईडी ने अब तक 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिलने का दावा किया है. ईडी के अनुसार, अपराध से बनायी गयी संपत्तियों में से 350 करोड़ की अचल संपत्ति है. जबकि 250 करोड़ बेनामी लोगों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के पास आये. ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ग्रुप डी की नौकरियों के बदले मात्र 7.5 लाख में लिये चार जमीन को राजद के पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना को 3.5 करोड़ में बेचा गया. राबड़ी देवी ने इसका अधिकांश हिस्सा तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दिया था. इसके भी साक्ष्य ईडी के पास मौजूद हैं.