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धनबाद डिवीजन के स्टेशनों पर पार्सल घरों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी

निगरानी विभाग ने 8 माह में 50 रेड किया, रेलवे को सभी ने मिलकर लगाया करोड़ों का चूना

Raja Gupta Dhanbad :  धनबाद रेल मंडल में पार्सल कार्यालय सामान भेजने के साथ हेराफेरी का अड्डा बन गए हैं. सामान गंतव्य तक पहुंचे या नहीं, लाखों  के वारे-न्यारे आसानी से हो जाते हैं. रेलवे के निगरानी विभाग ने इसी अगस्त माह में लगभग दो दर्जन पार्सल कार्यालयों में 6 बार छापामारी की व बड़े पैमाने पर अनियमित्ता का पर्दाफाश किया. इस अनियमितता व घोटाले में रेलकर्मियों का एक बड़ा समूह शामिल बताया गया है.

 50 बार छापेमारी, करोड़ों की चोरी का पर्दाफाश

रेलवे सूत्रों के अनुसार निगरानी विभाग की टीम ने इस साल में अब तक विभिन्न रेलवे स्टेशनों के पार्सल कार्यालयों में 50 बार छापा मारा. टीम को अनुमान है कि अनियमितता के जरिये करोड़ों के राजस्व की चोरी हुई है. ऐसे रेलकर्मियों को चिह्नित किया जा रहा है. हो सकता है कार्रवाई भी हो. सूत्रों का कहना है कि जनवरी में 8, फरवरी में 3, मार्च में 5, अप्रैल में 7, मई में 11, जून में 6, जुलाई में 4 और अगस्त में 28 दिनों के भीतर 6 बार छापेमारी हो चुकी है. धनबाद रेल मंडल ग्रैंडकॉर्ड सेक्शन में प्रधानखंता से गोमो होकर मानपुर, सीआईसी सेक्शन के धनबाद-कतरास-चंद्रपुरा-बरकाकाना, गोमो-चंद्रपुरा-बरकाकाना व गढ़वा होकर सिगंरौली तक फैला हुआ है. पूरे मंडल में 189 रेलवे स्टेशन व हॉल्ट हैं. इतने बड़े क्षेत्र में घोटाला भी बड़ा ही होगा, ऐसा अनुमान है.

 कमाई के साथ राजस्व चोरी में भी नंबर वन

सूत्रों के अनुसार धनबाद रेल मंडल हर साल कमाई में नंबर वन का खिताब हासिल करता है. दूसरी ओर विभिन्न रेलवे स्टेशनों के पार्सल कार्यालयों में पदस्थापित क्लर्क, पार्सल बाबू, सुपरवाइजर व वाणिज्य विभाग के अधिकारी लगेज की बिल्टी में कम वजन दिखाकर हर साल अवैध रूप से करोड़ों रुपये की कमाई कर रहे हैं. यह खुलासा जोनल व रेलवे बोर्ड की ओर से विजिलेंस टीम की छापेमारी में भी हुआ है. विजिलेंस की टीम सिर्फ धनबाद रेलवे स्टेशन के पार्सल कार्यालय में 7 महीने 28 दिन में 50 बार छापामारी कर लगभग 30 लाख रुपये जुर्माना वसूल चुकी है. हर बार लगेज के वजन में गड़बड़ी मिली है. टीम ने ईसीआर हाजीपुर जोन के जीएम व रेलवे बोर्ड को जांच रिपोर्ट सौंपी. हालांकि किसी तरह का सुधार होता नहीं दिख रहा है. वाणिज्य विभाग के ही एक-दो कर्मी बताते हैं कि बिल्टी में कम वजन व कम किराया दिखाकर पार्सल के पदाधिकारी व कर्मी हर साल करोड़ों की राजस्व चोरी कर रहे हैं.

लीज होल्डर 75 फीसदी से अधिक पहुंचा रहे नुकसान

सूत्र बताते हैं कि धनबाद रेल मंडल में ट्रेनों से सामग्री मंगाने वाले दो दर्जन से अधिक लीज होल्डर हैं, जो 75 फीसदी से अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं. हर लगेज की बिल्टी की जांच करने पर कागजात पर कम वजन व मशीन पर वजन कराने पर दो से तीन गुना अंतर मिला है. पकड़े जाने पर जुर्माना भी लगाया जाता है. लेकिन वजन में सुधार नहीं होता है. यही हाल व्यवसायियों व आम लोगों का भी है. ये लोग भी 25 फीसदी हर साल राजस्व चोरी कर रहे हैं. अवैध कमाई में क्लर्क, पार्सल बाबू व अधिकारियों का हिस्सा तय है. यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली व मुंबई समेत अन्य राज्यों व शहरों से आने वाली ट्रेनों में लगेज के वजन में घोटाला हो रहा है.

चेकिंग में गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई भी होती है: अमरेश कुमार

धनबाद रेल मंडल के वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक अमरेश कुमार का कहना है कि  धनबाद समेत अन्य पार्सल कार्यालयों में बीच-बीच में चेकिंग होती है. गड़बड़ी मिलने पर पार्सल बाबू समेत संबंधित रेलकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है. तबादला भी किया जाता है. [wpse_comments_template]

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