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लातेहार : चतरा सांसद की पैरवी पर थाना से ही छूटा पत्रकार पर जानलेवा हमला करने का आरोपी

Latehar : पत्रकार पंकज प्रसाद पर जानलेवा हमला करने के आरोपी नागमणि कुमार को गिरफ्तार कर लातेहार पुलिस ने मंगलवार की रात में ही छोड़ दिया. सदर थाना कांड संख्या 06/2022 के तहत भादवि की धारा 341/ 323/ 379/ 307/506 के तहत मामला दर्ज कराया गया था. गैर जमानती धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी आरोपी को जेल नहीं भेजा जाना कई सवालों को जन्म दे रहा है. इस संबंध में पूछे जाने पर इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने कहा - मैं जो कर सकता था किया. सीसीटीवी फुटेज में जिला पुलिस मुख्यालय में भी देखा गया है कि आरोपी ने जानबूझकर पत्रकार पर हमला किया है.

एसपी बोले- मामले का अनुसंधान किया जा रहा

पत्रकार ने आरोपी को छोड़े जाने की सूचना डीजीपी झारखंड, पुलिस उप महानिरीक्षक पलामू प्रक्षेत्र व पुलिस अधीक्षक अधीक्षक लातेहार को आवेदन देकर दी है. पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन से मिलने पर उन्होंने कहा कि आरोपी को छूटना नहीं चाहिए था, लेकिन मेरी भी मजबूरी थी. मामले का अनुसंधान किया जा रहा है. आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा.

जिले के पत्रकारों में रोष

बताया जाता है कि नागमणि को छुड़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी का कुनबा मंगलवार से ही सक्रिय था. जानकारी के अनुसार पुलिस ने चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह की पैरवी आने के बाद उसे जेल न भेजकर थाना से ही छोड़ दिया गया. जबकि गैर जमानती मामले में आरोपी को थाना से छोड़ना न्यायसंगत नहीं है. पुलिस के इस रवैये व भाजपा सांसद की कथित पैरवी से जिले के पत्रकारों में रोष व्याप्त है. पत्रकारों ने कहा कि भाजपा के पूर्व विधायक पर जब चाईबासा में नक्सली हमला हुआ, तो झारखंड सरकार के खिलाफ पूरे जिले में पुतला दहन कार्यक्रम किया गया. वहीं पत्रकार पर जानलेवा हमला हुआ, तो आरोपी को बचाने के लिए पैरवी की गयी. क्या यह भाजपा का दोहरा चरित्र नहीं है. इसे भी पढ़ें – मुस्लिम">https://lagatar.in/after-muslim-girls-derogatory-remarks-on-hindu-women-government-blocked-telegram/">मुस्लिम

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अभियुक्त को जेल भेजना चाहिए था

कानून के जानकार बताते हैं कि जिस तरह की धारा लगायी गयी है, उसमें पुलिस को अभियुक्त को जेल भेजना चाहिए था. थाना से छोड़ने की कोई बात ही नहीं है. पत्रकार पर जानलेवा करने वाले अभियुक्त को छुड़ाने के लिए चतरा सांसद समेत आरएसएस के कई लोग सक्रिय दिखे. सूत्र बताते हैं कि चतरा सांसद के दबाव पर ही अभियुक्त को छोड़ा गया है.

क्या कहते हैं सांसद

सांसद सुनील कुमार सिंह ने भी मोबाइल पर हुई बातचीत में पैरवी करने की बात स्वीकारी है. लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकारी बाद में मिली कि आरोपी के पंचायत सेवक पिता नागेश्वर रजक के द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के खिलाफ समाचार छापने के कारण उसके पुत्र नागमणि ने इस घटना को अंजाम दिया है. मुझे आरएसएस के जिला प्रचारक अचल जी ने नागमणि को आरएसएस का कैडर बताया था. मुझे नहीं पता था कि आरएसएस में ऐसे लोग भी हैं. उन्होंने कहा कि आप अचल जी से बात कर लें. जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि आप मुझसे मिलकर बात कीजिए. मोबाइल पर मैं कुछ नहीं बोल सकता. [wpse_comments_template]

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