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56.33 एकड़ का दावा किया था, मिली मात्र 7. 03 एकड़
हालांकि वास्तविक दावा किये गये रकबा में विभागीय अधिकारियों ने व्यापक कटौती की है. जो अत्यंत खेद का विषय है. जहां सभी 16 दावेदारों ने कुल 56.33 एकड़ का दावा किया था, वहीँ सभी लोगों को मिलाकर मात्र 7. 03 एकड़ अर्थात सिर्फ 4 प्रतिशत रकबा का ही पट्टा वितरित किया गया है. इस पर नेतृत्वकर्ता महावीर परहिया ने प्रतिक्रिया ब्यक्त करते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने हमारे साथ नइंसाफी की है. हमारे दावों को वगैर किसी क़ानूनी प्रावधान के कटौती की गई है. इस रकबा कटौती जैसे अन्याय के खिलाफ हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे. हम किसी भी कीमत पर जोत- कोड वाली जमीन को नहीं छोड़ेंगे.alt="" width="600" height="400" />
इन लोगों को मिला पट्टा
पट्टा प्राप्त करने वालों में महावीर परहिया, किरानी परहिया, जमुना उरांव, बलदेव परहिया, महेंद्र परहिया, दुलारी परहींन, हलकान परहिया, महेश उराँव, कलावती मसोमात, मंगरी कुअंर, बनवारी परहिया, जुगेश्वर परहिया, चलितर परहिया, रघु कुअंर, फजीहत परहिया, फूलमती परहिन शामिल हैं. पट्टा हासिल करने की इस लड़ाई में औरंगा बांध विरोधी संघर्ष समिति के जितेन्द्र सिंह, ग्राम स्वराज मजदूर संघ के कार्यकर्त्ता, इज्जत से जीने का अधिकार अभियान के धोती फादर आदि शामिल रहे हैं. इसे भी पढ़ें – सोलर">https://lagatar.in/246-villages-of-jharkhand-illuminated-by-solar-power-plant-electricity-reached-7740-houses-in-inaccessible-areas/">सोलरपावर प्लांट से रोशन हुए झारखंड के 246 गांव, दुर्गम इलाकों के 7740 घरों में पहुंची बिजली [wpse_comments_template]

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