- नाबालिग भी संभालते हैं स्टेयरिंग
- ऑटो चालक करते हैं यातायात नियमों की अनदेखी
- जब जहां मर्जी रोक देते हैं ऑटो
Ashish Tagore
Latehar : लातेहार शहर में यातायात नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं. खास कर ऑटो चालकों की वजह से शहर की सड़कों पर लोगों का चलना दूभर हो गया है. ऑटो चालक सवारी बैठाने या उतारने के लिए जहां मन वहां अपनी ऑटो रोक देते हैं. उन्हें इस बात का भी आभास नहीं होता है कि उनके पीछे भी कोई गाड़ी है. इसकी वजह से ही दुर्घटनाएं होती हैं. मंगलवार को शहर के बाइपास चौक में चालक ने अचानक ऑटो रोक दिया. जिसकी वजह से उसके पीछे आ रही मोटरसाइकिल ऑटो से जाकर टकरा गयी थी और वह सड़क पर गिरकर घायल हो गया था. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने वाली अधिकांश ऑटो ओवर लोड होने के कारण दुर्घंटना का शिकार होती है. (पढ़ें, कोडरमा : न्यू गिरिडीह-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस का नावाडीह-नवलशाही हॉल्ट पर ठहराव की मांग)
पिछले पांच वर्षों में शहर में ऑटो की संख्या पांच गुना बढ़ी
अनुमान के अनुसार, पिछले पांच सालों में लातेहार शहर में ऑटो की संख्या में करी 10 गुना वृद्धि हुर्ह है. वर्ष 2018 में ऑटो की संख्या एक हजार थी, जो आज बढ़कर तकरीबन पांच हजार हो गयी है. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय में आने वाली ऑटो की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. शहर के हर चौक-चौराहों पर 25-30 ऑटो खड़ा दिखना आम बात हो गयी है.
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90 फीसदी ऑटो बिना परमिट के चल रहा
ऑटो चालकों में बहुत से नाबालिग भी हैं. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय आने वाली ऑटो को नाबालिगों चलाते हैं. दूसरी तरफ शहर में 90 फीसदी से अधिक ऑटो बिना परमिट के सड़क पर चल रहा है. प्रावधान के मुताबिक, 16 किलोमीटर की परिधि के भीतर ऑटो का परिचालन करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त से परमिट इश्यू करना होता है. मिड पाइंट के आधार पर परमिट का निर्गमन होता है. लेकिन यहां बगैर परमिट के ऑटो चालक 16 किलोमीटर तो क्या लातेहार से रांची चले जाते हैं.
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