- नाबालिग भी संभालते हैं स्टेयरिंग
- ऑटो चालक करते हैं यातायात नियमों की अनदेखी
- जब जहां मर्जी रोक देते हैं ऑटो
: न्यू गिरिडीह-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस का नावाडीह-नवलशाही हॉल्ट पर ठहराव की मांग)
पिछले पांच वर्षों में शहर में ऑटो की संख्या पांच गुना बढ़ी
अनुमान के अनुसार, पिछले पांच सालों में लातेहार शहर में ऑटो की संख्या में करी 10 गुना वृद्धि हुर्ह है. वर्ष 2018 में ऑटो की संख्या एक हजार थी, जो आज बढ़कर तकरीबन पांच हजार हो गयी है. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय में आने वाली ऑटो की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. शहर के हर चौक-चौराहों पर 25-30 ऑटो खड़ा दिखना आम बात हो गयी है. इसे भी पढ़ें : बिहारः">https://lagatar.in/bihar-liquor-was-being-carried-secretly-in-auto-driver-died-in-accident/">बिहारःऑटो पलटी तो शराब तस्करी का हुआ खुलासा, चालक की मौत
90 फीसदी ऑटो बिना परमिट के चल रहा
ऑटो चालकों में बहुत से नाबालिग भी हैं. खास कर ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय आने वाली ऑटो को नाबालिगों चलाते हैं. दूसरी तरफ शहर में 90 फीसदी से अधिक ऑटो बिना परमिट के सड़क पर चल रहा है. प्रावधान के मुताबिक, 16 किलोमीटर की परिधि के भीतर ऑटो का परिचालन करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त से परमिट इश्यू करना होता है. मिड पाइंट के आधार पर परमिट का निर्गमन होता है. लेकिन यहां बगैर परमिट के ऑटो चालक 16 किलोमीटर तो क्या लातेहार से रांची चले जाते हैं. इसे भी पढ़ें : चंदवा">https://lagatar.in/chandwa-a-person-selling-gram-found-a-6-month-old-girl-informed-the-police/">चंदवा:चना बेचने वाले शख्स को मिली 6 माह की बच्ची, पुलिस को दी सूचना [wpse_comments_template]
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