Latehar/Chandwa: नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज पर सरकार के फैसले से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने खुशी जताई है. माकपा नेता अयूब खान और जिला सचिव सुरेंद्र सिंह ने प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना पर रोक लगा दी है. सीएम के इस फैसले का माकपा स्वागत करती है. उन्होंने कहा कि माकपा पोलिट ब्यूरो सदस्य सह पूर्व राज्यसभा सांसद वृंदा करात, उस समय के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी, प्रकाश विप्लवी, प्रफुल्ल लिंडा और वरिष्ठ नेता अयूब खान ने अगस्त 2017 में गारु प्रखंड में सभा कर इस संबंध में मांग की थी.
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‘हेमंत ने जनहित का रखा ध्यान’
फिल्ड फायरिंग रेंज और पायलट प्रोजेक्ट प्रभावित गांवों विजयपुर और पंडरा ग्राम में माकपा नेताओं ने जनसभा कर नेतरहाट पायलट प्रोजेक्ट और फिल्ड फायरिंग रेंज को रद्द करने की मांग की थी. मुख्यमंत्री ने जनहित को ध्यान में रखते हुए नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित नहीं करने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की है. नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज पर रोक के बाद जनजातीय समुदायों में काफी खुशी देखी जा रही है.
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आदिवासी 28 सालों से कर रहे थे मांग
माकपा ने कहा कि हजारों आदिवासी पिछले 28 सालों से नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन पर थे. लातेहार और गुमला जिला के सैंकड़ों गांवों के लोग फिल्ड फायरिंग रेंज के जद में आ रहे थे, जिससे हजारों परिवारों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ता. अयूब खान ने आगे कहा कि चंदवा प्रखंड के बनहरदी और चकला कोल ब्लॉक चालू करने की प्रक्रिया चल रही है. कोल ब्लॉक के लिए आदिवासी और मूलवासी जमीन नहीं देना चाहते हैं. इस इलाके के लोग भी विस्थापन की दंश झेलना नहीं चाहते. कोल ब्लॉक के विरोध में बनहरदी और चकला के ग्रामीण लगातार संघर्ष कर रहे हैं. माकपा नेता अयूब खान ने आदिवासी और मूलवासी के हितों को ध्यान में रखते हुए बनहरदी और चकला कोल ब्लॉक को रद्द करने की मांग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से की.
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