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लातेहार : 7 सालों से हत्या मामले का अनुसंधान जारी, परिजन परेशान

दर-दर को ठोकरें खाने को विवश हैं मृतक इंजीनियर के परिजन हत्या जैसे मामलों में भी पुलिस गंभीर नहीं है Sunil Kumar Latehar:  जिले के बालूमाथ थाना क्षेत्र में चार जुलाई 2017 को रेलवे के जूनियर इंजीनियर मधु समजदार की हत्या का अनुसंधान आज तक पूरा नहीं हो पाया है. पुलिसिया अनुसंधान की धीमी गति के कारण स्व समजदार के परिजनों को किसी भी प्रकार की कोई उग्रवादी हिंसा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि इस हत्या के मामले को बालूमाथ थाना कांड संख्या 98/ 2017 तत्कालीन थाना प्रभारी नंदकिशोर प्रसाद के द्वारा दर्ज किया गया था. मामला रेलवे लाइन बिछा रही कंपनी रॉयल इंफ्रा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के जूनियर इंजीनियर पीयूष पाड़ी के लिखित आवेदन पर अज्ञात उग्रवादियों के विरुद्ध मधु समजदार की अपहरण करने की दर्ज की गई थी. पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में छह जुलाई 2017 को उक्त जूनियर इंजीनियर का शव कंस्ट्रक्शन कैंप के पीछे पाया गया. इसे भी पढ़ें :सांप">https://lagatar.in/a-woman-who-died-from-a-snake-bite-called-the-cook-a-witch-and-beat-the-whole-family/">सांप

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फिरौती के लिए हत्या की आशंका

कयास लगाया गया कि फिरौती के कारण उनका अपहरण उग्रवादियों के द्वारा किया गया और फिरौती की राशि जमा नहीं करने पर उन्हें मारकर फेंक दिया गया. पुलिस ने मामले की पेचीदगी को देखते हुए फॉरेंसिक टीम को बुलाया. अनुसंधानकर्ता पुलिस पदाधिकारी ज्वाला कुमार नंद की अगुवाई में एफएसएल रांची की अधिकारियों की टीम जिसमें हिमांशु कुमार सुधांशु, बृजेश कुमार यादव एवं लवकुश शामिल थे. तीन सदस्यीय जांच टीम ने शव का मुआयना किया और प्रतिवेदन थाना प्रभारी को सौंपा. आश्चर्य है की घटना के छह वर्षों के बीत जाने के बाद भी पुलिस का यह अनुसंधान पूरी नहीं हुई है. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/08/fir-ki-prati_985-1.jpg"

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परिजन को उग्रवादी हिंसा के तहत लाभ नहीं मिल रहा

गिरिडीह जिला के सरिया से रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने आए जूनियर इंजीनियर मधु समजदार के परिवार को आज तक पुलिसिया अनुसंधान के धीमी गति के कारण किसी भी प्रकार की कोई उग्रवादी हिंसा का लाभ नहीं मिल पाया है. बताया जाता है कि मामले का अनुसंधान पूरा नहीं होने के कारण घटना के कारणों का पता नहीं चल पा रहा है. जिसके कारण मधु समजदार की पत्नी एवं बच्चों को दर दर की ठोकरें खानी पड़ रही है. उधर रेलवे का कहना है कि जब तक मामले की जांच पूरी होकर हत्या के कारणों का खुलासा होकर अदालत में आरोप पत्र समर्पित नहीं हो जाता है, तब तक कोई भी लाभ दे पाना संभव नहीं है. इसे भी पढ़ें :धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-discussion-on-declaring-the-district-as-drought-area-in-20-point-meeting/">धनबाद

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इंजीनियर के मोबाइल पर आया था धमकी भरा कॉल

बताया जाता है कि हत्या के दिन मृतक के मोबाइल फोन पर धमकी भरा कोई कॉल आया था. उसके बाद शाम 4:30 बजे उन्हें अगवा कर लिया गया था. संभावना व्यक्त की जा रही है की फिरौती की मांग की कोशिश की गई होगी, लेकिन मांग पूरा नहीं होने पर उग्रवादियों के द्वारा उनकी हत्या कर दी गई होगी. पुलिस की इस कार्य प्रणाली से मृतक के परिजन जहां दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं. वही हत्या जैसे संगीन मामलों की तह तक नहीं पहुंच पाना पुलिस के लिए एक चुनौती बना हुआ है. [wpse_comments_template]

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