Latehar: एक नाबालिग लड़की का रांची से रेस्क्यू कर उसके घर भेजा गया. घटना लातेहार जिले के महुआडांड़ अनुमंडल की है. जानकारी के अनुसार महुआडांड़ के ओरसापाठ गांव की एक नाबालिग लड़की अपने पिता व जीजा के साथ महुआडांड़ बस स्टैंड से एक बस में सवार हो कर रांची जा रही थी. बस में उसके पिता व जीजा के बातचीत से उसके पीछे वाली सीट में बैठे एक यात्री को उस पर कुछ संदेह हुआ. इसके बाद उसने इसकी सूचना सामाजिक कार्यकर्त्ता जेरोम जेराल्ड कुजूर को मोबाइल पर दी. सूचना मिलने पर कुजूर ने इसकी सूचना रांची की झारखंडीज आदिवासी वूमेन एसोसिएशन (जावा) नामक संस्था की सदस्य रोजालिया तिर्की को दी. सूचना मिलने पर संस्था के सदस्यों ने नाबालिग लड़की का रेस्क्यू करने के लिए कंट्रोल रूम, झारखण्ड सरकार की मदद लिया. रेस्क्यू टीम ने उसे रांची बस स्टैंड से रेस्क्यू कर लिया. लड़की के पिता ने बताया कि वह रांची मेंं किसी घर में उससे काम कराने के लिए लाये थे. संस्था के सदस्य रोजालिया ने बताया कि बच्ची की उम्र मात्र 10 वर्ष थी. यह उसके पढ़ने और खेलने कूदने की उम्र है. उसे जबरदस्ती दलालों द्वारा काम पर ले जाया जा रहा था. यह गलत है. इसके बाद रेस्क्यू टीम ने उसके पिता की काउंसलिंग की और समझा बुझा कर बच्ची को पिता व जीजा के साथ रांची से घर भेज दिया गया. इसे भी पढ़ें – ममता">https://lagatar.in/mamata-said-waqf-bill-is-responsible-for-murshidabad-violence-we-will-not-allow-divide-and-rule-policy-in-bengal/">ममता
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लातेहार: नाबालिग लड़की को रांची से किया रेस्क्यू

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