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लातेहार:चंदवा में ठेकेदार संतोष सिंह के घर NIA की दबिश, परिवार से लगातार कर रही पूछताछ

Latehar: चंदवा में ठेकेदार संतोष सिंह के घर पर NIA ने दबिश दी है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार की सुबह से ही एनआइए की टीम संतोष सिंह के घर पहुंचकर परिवार के सदस्यों से लगातार">https://lagatar.in/">लगातार

पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि बीते वर्ष 22 नवंबर को चंदवा थाना क्षेत्र में हुए नक्सली हमला हुआ था. जिसमें 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गये थे. इसी मामले को लेकर एनआइए की टीम पूछताछ कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, संवेदक संतोष सिंह माओवादी को फंड मुहैया कराने का नामजद अभियुक्त है. हालांकि इसकी एनआइए की तरफ से कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है.

चंदवा माओवादी हमले की एनआइए कर रही है जांच

लातेहार के चंदवा में माओवादी हमले में चार पुलिसकर्मियों के शहीद होने के केस को जुलाई महीने में एनआइए ने टेकओवर कर लिया था. झारखंड में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुए माओवादी हमले में लातेहार जिला बल के चंदवा थाना में तैनात एसआइ शुकरा उरांव, चालक यमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गये थे. राज्य पुलिस ने इस मामले की जांच एनआइए से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था. केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मामले में एनआइए को एफआइआर दर्ज करने की इजाजत 22 जून को मिल गयी थी. जिसके बाद एनआइए ने इस संबंध में नये सिरे से दिल्ली में केस दर्ज कर लिया था.

पेट्रोलिंग गाड़ी पर नक्सलियों ने किया था हमला

बता दें कि 22 नवंबर 2019 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा झारखंड में चुनाव प्रचार के लिए आये थे. लातेहार में उस दिन भाजपा की बड़ी सभा थी. ऐसे में लातेहार से रांची के रास्ते में पुलिस ने वीआइपी मूवमेंट के मद्देनजर सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया था. शाम तकरीबन सात बजे चंदवा के लुकईया मोड़ के समीप पुलिस गश्ती की टीम खड़ी थी. इसी दौरान भाकपा माओवादियों के मोटरसाइकिल दस्ते ने वाहन पर  लगातार">https://lagatar.in/">लगातार

ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. हमले में चार पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. लातेहार पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी थी कि पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन पर हमले की साजिश 15 लाख के इनामी माओवादी रवींद्र गंझू ने रची थी. पुलिस की जांच में जो बात सामने आयी थी उसके मुताबिक, पुलिस ने रवींद्र की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.ऐसे में बदले की भावना से रवींद्र ने पुलिस बलों पर हमला करने की योजना बनायी. इसके बाद साजिश को अंजाम दिया. एनआइए ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आइपीसी, यूएपीए और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. एनआइए नये सिरे से मामले की जांच कर रही है.

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