Latehar: राख बुधवार के साथ कैथोलिक विश्वासियों का चालीसा काल बुधवार को शुरू हो गया. डाल्टेनगंज धर्मप्रांत बिशप थियोडोर मस्कारेन्हास ने महुआडांड़ मायापुर और गारू के मारोमार जंगल के बीच में बसे सुरकुमी गांव में जा कर लोगों के लिए रखबुध मिस्सा अर्पण किया. बिशप ने कहा कि हर वर्ष की तरह इस बार भी आज से हम चालीसा काल में प्रवेश कर रहे हैं. यह काल हम सबों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण काल है.
बिशप ने कहा कि इस कल के दौरान हम अपने सभी अच्छाइयों और बुराईयों को सही रूप से जानने की कोशिश करते हैं. बुराईयों को त्यागने और अच्छाइयों के रास्तें पर चलने का प्रण लेते हैं. आज आपके माथे पर यह रखा लगाकर आपको एहसास कराया जाता है कि यह शरीर मिट्टी से बना है और मिट्टी में ही मिल जाएगा. लेकिन जो आत्मा है वह कभी नहीं मारेगा. वह अमर है. इसलिए आत्मा को पवित्र और सुंदर बनाए रखने के लिए कार्य करें. चालीसा काल में हम प्रेम, भाईचारा, सहयोग, प्रार्थना और उपवास का जीवन जीना चाहिए.
बिशप ने कहा कि यह कल हमारे टूटे रिश्तों को जोड़ने का काल है. संत जोसफ चर्च महुआडंड में फादर सुरेश किंडो ने कहा सभी लोगों को इस चालीसा काल में मेल प्रेम से रहना चाहिए. हमारे जीवन में जितनी भी बुराईयां हैं, उन्हें छोड़ना है. मौके पर फादर और सिस्टर के द्वारा उपस्थित ईसाई धर्मावलंबियों के माथे पर राख लगा कर इस पवित्र महीना का शुभारंभ किया गया. महुआडांड़ प्रखंड के गोठगांव, साले, चेतमा और पकरीपाठ सहित कई अन्य चर्च में मिस्सा पूजा किया गया. मौके पर हेड प्रचारक आनंद के साथ भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.
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