Ashish Tagore
Latehar: बूढ़ा पहाड़ से सटे तिसिया ग्रामवासी भीषण पेयजल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं. तिसिया महुआडांड़ प्रखंड के अक्सी पंचायत का एक पिछ़डा इलाका है. प्रखंड मुख्यालय से इसकी दूरी तकरीबन 40 किलोमीटर है. यइ इलाका वर्षों तक नक्सलवाद की आग में जलता रहा है. हालांकि इन दिनों यहां नक्सलवाद की तपिश कुछ कम है. इसी तिसिया ग्रामवासियों की प्यास चुआंड़ी के पानी से बुझती है. ग्रामीण अहले सुबह ही पानी की तलाश में एक किलोमीटर की दूरी तय कर एक पहाड़ी नाला के पास पहुंचते हैं. महिलायें नाले का पानी या फिर चुआंड़ी खोद कर निकाले गये पानी को अपने बर्तनों में संग्रह करती है. महिलाओं का समूह नित्य यहां आता है. बर्तन व कपड़े धोने तथा स्नान आदि से निवृत हो कर बर्तनों में पानी भर कर अपने घर पहुंचतीं हैं. यह पानी घर का खाना बनाने एवं पीने के काम में आता है.
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गांव का एकमात्र चापाकल खराब है
गांव में मात्र एक चापाकल है और यह चापाकल वर्षों से खराब है. ग्रामीण खरीदन नगेशिया, असमु नगेशिया, रेंगसु नगेशिया, करीमन नगेशिया, सजग नगेशिया, दशमत नगेशिया, तुलसी नगेशिया, संजय यादव, लखन नगेशिया व विनय यादव आदि ने बताया कि चापाकल खराब होने की जानकारी मुखिया को दी गयी है. जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती है, ग्रामीणों की समस्यायें भी बढ़ती जाती है. बरसात में नाला व चुआंड़ी से गंदा पानी निकलता है. जिसके पीने से जल जनित रोग होते हैं.
क्या कहती हैं मुखिया
इस संबंध में पूछे जाने पर अक्सी पंचायत की मुखिया रोजालिया एक्का ने कहा कि तिसिया गांव में पानी की समस्या तो है. पानी की समस्या को दूर करने के लिए 15 वीं वित्त की राशि से ग्रामसभा में योजना पारित कर प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव पारित होते ही तिसिया गांव में पेयजल संकट दूर करने के लिए योजनायें प्रारंभ कर दी जायेगी.
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