Latehar : संयुक्त आदिवासी समिति ने मंगलवार को लातेहार जिला मुख्याrलय में आक्रोश रैली निकाली. यह रैली कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नहीं करने की मांग को लेकर निकाली गयी. रैली में कई आदिवासी संगठनों ने भाग लिया. आक्रोश रैली शहर के माको मोड़ से शुरू होकर मेन रोड होते हुए समाहरणालय परिसर पहुंचर सभा में तब्दील हो गई.
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री देवकुमार धान ने कहा कि झारखंड में कुड़मी समाज के लोगों ने आदिवासी बनने के लिए असंवैधानिक तरीके से 20 सितंबर को रेल टेका डहर छेका के माध्यम से आदिवासियों को सोचने पर विवश कर दिया है. संयुक्त आदिवसी समिति ने इसके विरोध में संवैधानिक तरीके से रैली निकाली. आदिवासी समन्वय समिति के सेलेस्टीन कुजूर ने कहा कि किसी भी कीमत पर कुड़मी को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं होने दिया जायेगा. जल, जंगल, जमीन से आदिवासियों को विस्थापित नहीं होने देंगे.
जिला पड़हा समिति के सचिव बिरसा मुंडा ने कहा कि कुड़मी की आदिवासी की सूची में शामिल करने की मांग असंवैधानिक है. कुड़मियों को आदिवासी परंपरा की जानकारी तक नहीं है. रैली के बाद राज्यपाल के नाम एक मांगपत्र डीसी को सौंपा गया. रैली में जिप सदस्य विनोद उरांव, मुनेश्वपर उरांव, सरोज लोहरा, आर्सेन तिर्की, रिंकू कच्छप, मनोज उरांव, रमेश उरांव, मोती उरांव, जगदीश लोहरा, रामधनी उरांव, सुकु उरांव, विनोद उरांव समेत काफी संख्या में समाज के लोग शामिल थे.
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