: डीसी की जांच में गायब थे डॉक्टर व बीपीएम, पूछा स्पष्टीकरण
टीएसपीसी का पर्चा जाली तो नहीं ?
राजेन्द्र साहू के ऊपर कोई आरोप नहीं लगा. अब जब संगठन की गतिविधियां समाप्ति की ओर अग्रसर है या कथित रूप से समाप्त हो चुकी है तो इस तरह का आरोप लगाया जाना लोगों के समझ से परे है. दबी जुबान से लोग यह भी कह रहे हैं कि हत्या की साजिश रचने वालों ने टीएसपीसी का जाली पर्चा जारी किया है. हत्या के कारणों पर पुलिस का स्टैंड मोड़ने की कोशिश की गई है. नक्सली संगठन के द्वारा जारी विज्ञप्ति में कभी भी नोट और रिमार्क्स जारी नहीं किए जाते हैं. इस विज्ञप्ति में सारी बात लिखे जाने के बाद भी नोट लिखकर रिमार्क्स दिए गए हैं. जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधित संगठनों की स्टाइल में इस पर्चा को हत्या में शामिल षड्यंत्रकारियों के द्वारा जारी किया गया है. पुलिस इसे ही अंतिम सत्य मानकर लोगों के समक्ष पर्चा की बातें सार्वजनिक करते हुए अपराधियों को जेल भेज चुकी है.alt="" width="600" height="400" />
अपराधियों से लड़ने स्कूटी से ही चल पड़े थे राजेंद्र साहू
जानकारों का कहना है कि अपराधियों के द्वारा दिए गए स्वीकारोक्ति बयान काल्पनिक जैसा ही प्रतीत हो रहा है. घटना की तह में जाएं तो महज संयोग और एक चूक के कारण राजेंद्र प्रसाद साहू की जान गई है. जैसा कि प्रत्यक्षदर्शियों एवं घटना की गहराई तक पहुंचे लोगों का कहना है कि स्वर्गीय राजेंद्र साहू अपराधियों के द्वारा ललकारे जाने पर स्कूटी से ही चल दिए थे और उन्होंने अपराधियों को शूट करने की पूरी कोशिश की थी. उनके हथियार से गोली नहीं चलने पर अपराधियों ने बचाव में फायरिंग कर दिया और राजेन्द्र साहू को गोली लग गई. अगर यह कोई षड्यंत्र होता या सुनियोजित होता तो अपराधी राजेंद्र साहू को देखते ही गोली बरसा सकते थे. इसे भी पढ़ें :रांची">https://lagatar.in/ranchi-rajiv-gandhis-statue-will-be-unveiled-on-his-birth-anniversary/">रांची: राजीव गांधी की जयंती पर होगा उनकी प्रतिमा का अनावरण
क्या राजेंद्र साहू ने भी की थी फायरिंग ?
जहां से उनकी झड़प शुरू हुई वहां से अपराधियों ने जान बचाते हुए करीब-करीब दो किलोमीटर तक भागने का प्रयास किया. जब गोली उनके ऊपर मिस कर गई तब जवाब में गोली चलायी गयी. जैसा कि राजेंद्र साहू की पत्नी के फर्द बयान पर दर्ज की गई प्राथमिकी में भी पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि पिस्तौल से उनके पति ने गुंडों के ऊपर गोली चलायी थी. लेकिन गोली नहीं चली और जवाबी गोली उनके पति को लग गई. बहरहाल मामला जो भी हो यदि पुलिस की जांच और अपराधियों के पकड़े जाने की पुलिसिया उपलब्धि को सच मान लें तो नक्सलियों के इस क्षेत्र में पुनः सक्रिय होने की बात तो जरूर सामने दिख रही है. संभव है कि इस घटना के बाद टीएसपीसी श्रेय लेने के कवायद में जुटा हो. दूसरी खबरब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बहनों ने बांधी राखी
alt="" width="600" height="400" /> Latehar: प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, लातेहार की बहनों ने जिला मुख्यालय में जिला परिषद अध्यक्ष समेत अन्य कई अधिकारियों को राखियां बांधी. बीके अमृता बहन और आशा बहन ने रक्षा बंधन कार्यक्रम के तहत शनिवार को जिला परिषद अध्यक्ष पूनम देवी का तिलग किया और उन्हें राखी बांधी. उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारी भरत नाथ चौधरी व जिला शिक्षा अधीक्षक कविता खलखो समेंत अन्य कई अधिकारियों को भी राखियां बांधी. उन्होंने लोगों से अपने अंदर के अवगुणों का त्याग करने एवं सदगुणों को अपनाने का संकल्प लिया. बीके अमृता ने कहा कि रक्षा बंधन का कार्यक्रम आगामी 30 अगस्त तक चलेगा. [wpse_comments_template]