नदी का दूषित पानी पी रहे हैं लोग, दो किलोमीटर दूर से ग्रामीण लाते हैं पीने का पानी
Mahuadand, Latehar: महुआडांड़ प्रखंड के दुरूप पंचायत का दौना ग्राम अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहा है. वर्षों उग्रवाद की तपिश यहां के ग्रामीणों ने झेली है. हालांकि अभी उग्रवाद की तपिश थोड़ी कम अवश्य हुई है. लेकिन इस गांव में पानी की समस्या विकराल है. ग्रामीण आज भी नदी का दूषित पानी पीने को विवश हैं. ग्रामीणों ने 20 मई को होने वाली चतरा लोकसभा की वोटिंग का बहिष्कार करने की योजना बनायी है. कहा कि जब तक पानी और बिजली नहीं मिलेगी तक तक वोट नहीं करेंगे. ग्रामीण बताते हैं कि गांव में हर घर जल मिशन के तहत जलमीनार तो लगाया गया है, लेकिन आज तक पानी की आपूर्ति नहीं हो सकी. जनसंख्या के आधार पर पानी टंकी नहीं लगाया गया है. घनी आबादी क्षेत्र में जहा पांच हजार की टंकी देनी थी वहां सिर्फ दो हजार लीटर की टंकी लगा दी गयी है. जलमीनार खराब पड़ा है. ग्रामीण बस्ती से दो किलोमीटर की घाटी का सफर तय कर पीने का पानी नदी से लाते हैं. नदी का पानी भी दूषित रहता है. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में कुल पांच बोरिंग की गयी है, लेकिन कोई भी चालू नही है. संवेदक द्वारा योजना के नाम पर लूटने का काम किया गया है.
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