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UPSC में लेटरल एंट्री, अश्विनी वैष्णव का विपक्ष पर पलटवार, कहा, यह विचार यूपीए के समय का है

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, लेटरल एंट्री मामले पर कांग्रेस पाखंड कर रही है. NewDelhi : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPSC में लेटरल एंट्री मामले में विपक्ष पर हल्ला बोला है. बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार के सीधी भर्ती करने वाले फैसले पर विपक्ष घेराबंदी कर रहा है. विपक्षी नेता सरकार पर लगातार हमलावर है.

विपक्ष का आरोप, आरक्षण पर असर पड़ेगा

विपक्ष का आरोप है कि इस निर्णय से आरक्षण पर असर पड़ेगा. विपक्षी हमले के का जवाब देने के क्रम में केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने पलटवार किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, लेटरल एंट्री मामले पर कांग्रेस पाखंड कर रही है. केंद्रीय मंत्री  ने कहा कि लेटरल एंट्री (सीधी भर्ती) का विचार यूपीए के समय में आया था. यूपीए सरकार ने ही लेटरल एंट्री की अवधारणा आगे बढ़ाई थी. इस क्रम में 2005 में दूसरा प्रशासनिक सुधार आयोग (एआरसी) में यूपीए सरकार के तहत स्थापित किया गया था. इस आयोग की अध्यक्षता वीरप्पा मोइली ने की थी.

यूपीए सरकार के समय एआरसी ने विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यूपीए सरकार के समय एआरसी ने लेटरल एंट्री के तहत विशेषज्ञों की भर्ती की सिफारिश की थी. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने इस सिफारिश को लागू करने के लिए पारदर्शी तरीका बनाया है. साफ किया कि यूपीएससी में पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से भर्ती की जायेगी. यह शासन में सुधार लाने के लिए है.

लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया पर विपक्ष का हंगामा जारी

यूपीएससी की लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया पर विपक्ष का हंगामा जारी है. इस मामले पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव, मायावता सहित विपक्ष के बड़े नेता सरकार पर हमलावर हैं. उनका आरोप है कि सरकार इसके जरिए अपने लोगों(RSS) को इन बड़े पदों पर काबिज करना चाहती है. लेटरल एंट्री के बहाने लोगों को आरक्षण से वंचित रखा जा रहा है.

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