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वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे की दो पुस्तकों का लोकार्पण

Ranchi : वरिष्ठ पत्रकार श्याम किशोर चौबे की दो पुस्तकें ‘झारखंडनामा’ और ‘झारखंड की राजनीति : प्रयोग और संयोग’ का लोकार्पण रविवार को चेंबर भवन में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर, वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त, वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र और प्रभात प्रकाशन के निदेशक पीयूष कुमार ने किया.

 

प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड की स्थापना के रजत जयंती वर्ष पर इन पुस्तकों का प्रकाशित होना अपने आप में महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि झारखंड ने 25 साल की यात्रा पूरी कर ली है. यह सोचने का अवसर भी है कि हमारी आशा, आकांक्षा और उस अनुरूप हम विकास कर पाए हैं? क्या हम उस कसौटी पर खरा उतर सके हैं? इसका आकलन भी बुद्धिजीवियों को करना चाहिए.

 

उन्होंने कहा कि झारखंड की 25 वर्षों की यात्रा में लम्बे समय तक मैं भी महत्वपूर्ण दायित्व में रहा हूं और काफी कुछ मेरे पास भी कहने-बताने को है. लेकिन मुझे सदैव यह स्मरण रहता है कि तब मैने सिर्फ पद की ही नहीं, गोपनीयता की भी शपथ ली थी, इसलिए मैं कई चीजें सार्वजनिक करने से बचता हूं.

 

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समारोह के विशिष्ट अतिथि झारखंड के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राजनीति में और विशेषतः सत्ता में पढ़े लिखे नेताओं का होना जरूरी है. कम पढ़ा लिखा राजनेता नौकरशाही की टेढ़ी चालों से बच नहीं पाता. उन्होंने कहा कि पत्रकारों और साहित्यकारों की कलम नौकरशाहों के कृत्यों को उजागर करने के लिए भी चलनी चाहिए. श्री किशोर ने अपने वक्तव्य में उस पूरे घटनाक्रम को भी शामिल किया, जिसमें उन्हें अर्जुन मुंडा की सरकार में मंत्री बनाया गया था और केवल 10 दिनों बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने इन दोनों को भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी बताया.

 

लेखकीय उदगार व्यक्त करते हुए इन दोनों पुस्तकों के लेखक श्याम किशोर चौबे ने कहा कि लम्बे समय तक झारखंड की निगहबानी करते हुए मैंने पाया कि वास्तविक राजनीति किताबों में पढ़ाई जानेवाली राजनीति से बिल्कुल अलग होती है. यह भी कि नेतृत्व का गुण नेतृत्वकर्ता के डीएनए में होता है, कोई पढ़ाई या कोर्स किसी व्यक्ति में नेतृत्व का गुण बाहर से नहीं डाल सकती.

 

समारोह की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री बलबीर दत्त ने कहा कि इन पुस्तकों की उपयोगिता इसलिए अधिक है क्योंकि ये इनमें राज्य के राजनीतिक घटनाक्रमों का गहराई से वर्णन है. उन्होंने अर्जुन मुंडा और राधाकृष्ण किशोर द्वारा उठाये गये विषयों पर शोध की आवश्यकता बताई. पद्मश्री बलबीर दत्त ने आज जहां हम हैं, उसके बारे में चिंतन करना चाहिए। हमारे साथ दो और राज्य बने, वे आज कहां हैं? इसका तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए. 

 

समारोह का संचालन करते हुए विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्र ने कृति चर्चा भी की. उन्होंने कहा कि ये पुस्तकें एक रिपोर्टर के नजरिए से लिखी गई हैं. लेखक ने राजनीतिक घटनाक्रमों को जस का तस तो पेश किया ही है, यथा आवश्यक अपनी टिप्पणी भी की है. उन्होंने कहा कि अखबार इतिहास का रोजनामचा होता है और बतौर पत्रकार श्याम किशोर चौबे ने खबरों के संकलन और संचयन का दायित्व एक साथ निभाया और उन संचित अनुभवों को आज पुस्तकों के रूप में लोकार्पित किया गया है.

 

लोकार्पण समारोह में उपस्थित गणमान्य लोगों और अतिथियों का स्वागत प्रभात प्रकाशन के निदेशक डॉ पीयूष कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि झारखंड में पाठकों की कमी नहीं है. हमें बिहार की तरह यहां भी पुस्तक मेले की संस्कृति विकसित करनी चाहिए. समारोह के सभी अतिथियों को प्रभात प्रकाशन की ओर से राजेश कुमार और दिवाकर कुमार ने पुस्तकों का सेट भेंट कर उनका स्वागत किया.

 

कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो जेबी पांडेय, पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो चंद्रकांत पांडेय, पूर्व सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी, समाजसेवी रोशनलाल भाटिया, वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा, प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन, सचिव अमरकांत, अयोध्यानाथ मिश्रा, संजीव सिंह, राजीव मिश्र, भाजपा प्रवक्ता रमाकांत महतो, प्रदीप सिन्हा सहित अनेक बुद्धिजीवी मौजूद रहे.

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