3.30 बजे Election Commission की प्रेस कॉन्फ्रेंस, यूपी सहित पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का होगा एलान
आय से अधिक मामला हाईकोर्ट में विचारधीन है
एसीबी में भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी इंजीनियर बीरेंद्र राम को ग्रामीण विकास विभाग का अभियंता प्रमुख बनाया गया है. बीरेंद्र राम पर आय से अधिक सम्पति जांच का मामला ना सिर्फ एसीबी में विचारधीन है बल्कि माननीय हाई कोर्ट में भी अभियंता बीरेंद्र राम पर आय से अधिक संपत्ति का मामला लंबित है. बीरेंद्र राम के अवैध संपत्ति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान उनके घर से दो करोड़ 45 लाख रुपये कैश पकड़ाए थे. उनकी पत्नी राजकुमारी जुगसलाई विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. बीरेंद्र राम ने अपनी अवैध कमाई से जमशेदपुर के सोनारी में अपार्टमेंट, मानगो के ग्रीन वाटिका में दो डुप्लेक्स खरीदी है. साथ ही उन्होंने रांची ,पटना तथा सिवान के मैरवा में करोड़ो की अवैध संपत्ति अर्जित की है. महोदय श्री बीरेंद्र राम ने जहां - जहां अपनी सेवाएं दी है वहां भ्रष्टाचार के बीज बोये हैं . इसे भी पढ़ें - पेटीएम">https://lagatar.in/paytm-investors-lost-crores-the-price-fell-42-percent-below-the-ipo-price/">पेटीएमनिवेशकों को करोड़ों की चपत, आईपीओ प्राइस से 42 फीसदी नीचे फिसली कीमत
ग्रामीण विकास के अभियंता प्रमुख जैसे पद पर आ जाना राज्य का दुर्भाग्य है
स्वर्णरेखा परियोजना में मनचाहे ठेकेदार को काम दिलवा कर मोटी कमीशन अर्जित की है. उनकी हर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के छींटे पड़े है. इसलिए बीरेंद्र राम जैसे भ्रष्ट और विवादित व्यक्ति को ग्रामीण विकास के अभियंता प्रमुख जैसे पद पर आ जाना राज्य का दुर्भाग्य है. इसके साथ ही बीरेन्द्र राम के अब तक के कार्यकाल की जांच हो तथा जब तक इन्हे एसीबी तथा हाई कोर्ट के मामले से क्लीन चिट नहीं मिल जाती तब तक इन्हे ग्रामीण विकास के प्रभारी अभियंता प्रमुख के पद मुक्त रखा जाये. इसे भी पढ़ें - एचईसी">https://lagatar.in/hec-workers-strike-ends-return-to-work-after-1-month-6-days/">एचईसीकर्मियों की हड़ताल खत्म, 1 माह 6 दिन बाद काम पर लौटे [wpse_comments_template]

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